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Wednesday, September 30, 2015

बस्ती: धारणाधिकार के तहत बस्ती बीएसए द्वारा भी जारी होने लगे आदेश, शिक्षकों को मिली राहत

बस्ती: धारणाधिकार के तहत बस्ती बीएसए द्वारा भी जारी होने लगे आदेश, शिक्षकों को मिली राहत

मुजफ्फरनगर : विज्ञान गणित भर्ती के सम्बन्ध में धारणाधिकार के आदेश हुए जारी

मुजफ्फरनगर : विज्ञान गणित भर्ती के सम्बन्ध में  धारणाधिकार के आदेश हुए जारी

सिद्धार्थनगर : विज्ञान गणित शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों नें माँगी इच्छा मृत्यु

सिद्धार्थनगर :  विज्ञान गणित शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों नें माँगी इच्छा मृत्यु

सहारनपुर : पूर्व में कार्यमुक्त और वर्तमान में सम्बद्ध सभी सहसमन्वयकों को तुरंत कार्यमुक्त करने के आदेश

सहारनपुर : पूर्व में कार्यमुक्त और वर्तमान में सम्बद्ध सभी सहसमन्वयकों को तुरंत कार्यमुक्त करने के आदेश

सुल्तानपुर: शिक्षामित्रों के वेतन के मामले में वित्त नियंत्रक को लिखे पत्र का हवाला देकर बीएसए ने गेंद फिर लेखाधिकारी के पाले में डाली

सुल्तानपुर: शिक्षामित्रों के वेतन के मामले में वित्त नियंत्रक को लिखे पत्र का हवाला देकर बीएसए ने गेंद फिर लेखाधिकारी के पाले में डाली

अमरोहा: वित्तनियंत्रक से माँगा मार्गदर्शन, बिना निर्देशों के कोई भी निर्णय लेने तक लेखाधिकारी ने सरकारी कार्यों में बाधा ना पहुचाने का पत्र किया जारी

अमरोहा: वित्तनियंत्रक से माँगा मार्गदर्शन, बिना निर्देशों के कोई भी निर्णय लेने तक लेखाधिकारी ने सरकारी कार्यों में बाधा ना पहुचाने का पत्र किया जारी

मथुरा: रात में बूथ पर नहीं रुकना पडेगा महिला कार्मिकों को, एक साल उम्र तक के बच्चों वाली को भी मिलेगी छूट

रात में बूथ पर नहीं रुकना पडेगा महिला कार्मिकों को, एक साल उम्र तक के बच्चों वाली महिलाओं को भी मिलेगी छूट

विज्ञान गणित शिक्षक तैनाती में अनियमितता पर भड़का राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, दोषियों के लिए कार्यवाही की मांग

विज्ञान गणित शिक्षक तैनाती पर भड़का राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, दोषियों के लिए कार्यवाही की मांग

गोरखपुर बीएसए द्वारा पदावनति के मामले में जारी आदेशों का पालन तीन दिनों में किये जाने का निर्देश

गोरखपुर बीएसए द्वारा पदावनति संबंधी पदस्थापना  के मामले में जारी आदेशों का पालन तीन दिनों में किये जाने का निर्देश

इटावा बीएसए द्वारा सभी बीईओ को फटकार, सहसमनवयकों को शैक्षिक गुणवत्ता के इतर कार्य की जिम्मेदारी देने और प्रभारी बनाये जाने पर जताई नाराजगी

इटावा बीएसए द्वारा सभी बीईओ को फटकार,  सभी सहसमनवयकों को शिक्षा की गुणवत्ता के इतर कार्य की जिम्मेदारी देने और प्रभारी बनाये जाने पर जताई नाराजगी

देवरिया बीएसए ने किसी नए शासकीय निर्देश के आने तक शिक्षामित्रों का वेतन जारी रखने का किया फैसला

देवरिया बीएसए ने किसी नए शासकीय निर्देश के आने तक शिक्षामित्रों का  वेतन जारी रखने का किया फैसला

आखिरकार जनपद फतेहपुर में भी धारणाधिकार (Lien) के तहत विज्ञान गणित भर्ती के लिए आदेश जारी होने शुरू हुए

छात्र खुद बताएं, कैसी चाहते हैं पढ़ाई? नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए लिया जा रहा फीडबैक

छात्र खुद बताएं, कैसी चाहते हैं पढ़ाई?
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए सीबीएसई ले रहा फीडबैक
बोर्ड की वेबसाइट पर पांच अक्टूबर तक मांगी गईं सूचनाएं

सीबीएसई ने छात्रों से पूछा है कि आपदा प्रबंधन, सड़क सुरक्षा, नागरिक सुरक्षा, अग्नि सुरक्षा एवं मूल्य शिक्षा जैसे विषय पाठ्यक्रम में जोड़े जाएं या नहीं। साथ ही नवीं व दसवीं के छात्रों से पूछा गया है कि मूल्यांकन शिक्षा प्राप्ति में किस हद तक सहायता करता है। कौशल विकास क्या रोजगार प्राप्त करने में सहायता करेगा या नहीं? ऐसे ही सवाल 11वीं व 12वीं के छात्रों से हैं कि कौन सा व्यावसायिक कोर्स रोजगार पाने में सहायता करेगा और विद्यालय में कॅरियर काउंसलर की उपलब्धता है या नहीं?

कूल एवं वहां होने वाली सारी गतिविधि वैसे तो छात्र-छात्रओं पर ही केंद्रित होती है लेकिन अब शिक्षा नीति में भी उनका योगदान होने वाला है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने नई पहल करते हुए आगामी शिक्षा नीति के लिए छात्र-छात्रओं से ही फीडबैक मांगा है। यह जानकारियां ऑनलाइन मांगी गई हैं। कक्षा छह से 12 तक के विद्यार्थी पांच अक्टूबर तक इसमें प्रतिभाग कर सकते हैं।

‘स्कूल कैसे सुखमय स्थान बने, शिक्षक और विद्यार्थी कैसे साथ सीख सकते हैं’ जैसे सूत्र वाक्य को अब अमल में लाने की शुरुआत हो गई है। सीबीएसई इसके लिए विद्यार्थी का नाम, कक्षा, विद्यालय, जनपद तक की जानकारी मांग रहा है। साथ ही विद्यालय किस वर्ग का है, यानी केंद्रीय विद्यालय, जवाहर नवोदय विद्यालय, केंद्रीय तिब्बती विद्यालय, सरकारी विद्यालय या फिर निजी विद्यालय है, पर टिक करना है। कक्षा में विद्यार्थियों की संख्या, आपके घर से स्कूल की दूरी जैसे अहम सवाल भी हैं। ऐसे ही कक्षा शिक्षण आपकी कैसे सहायता करता है, पढ़ाई का कौन सा माध्यम आपको बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है, इसके अलावा हंिदूी व अंग्रेजी के अलावा अन्य भाषा की भी जानकारी मांगी गई है। सांस्कृतिक गतिविधियां भी क्या शिक्षण में प्रयुक्त होती हैं।

कक्षा की कौन सी गतिविधि जिन्होंने सीखने में आपकी मदद की। साथ ही विद्यालय के पुस्तकालय में प्रयोग होने वाले संसाधन कौन-कौन से हैं। ऐसे ही क्या शिक्षक ग्लोब, चार्ट, मॉडल, आडियो या फिर वीडियो आदि का प्रयोग कर पढ़ाते हैं, डिजिटल टेक्नोलॉजी या इंटरनेट का प्रयोग हो रहा है, शिक्षक आपके कार्य का मूल्यांकन उचित ढंग से करते हैं-जैसे सवालों का जवाब पूछकर शिक्षकों की पूरी रिपोर्ट तैयार हो रही है। ऐसे ही कठिन विषय के लिए कौन सी सहायता प्राप्त की जानी चाहिए, खेल व कक्षा कार्य का सामना कैसे करते हैं।

शिक्षकों व विद्यार्थियों के बीच आदर भाव कैसा है, क्या विविध प्रकार के विद्यार्थियों को भी सम्मान दिया जा रहा है। विद्यालय परिसर में की गई सुरक्षा व्यवस्था कैसी है। स्कूल में कौन-कौन सी सुविधाएं हैं, जैसे बहुतेरे सवाल दिए गए हैं। इनका जवाब विद्यार्थियों को लिखना नहीं है बल्कि विकल्प भी दिए गए हैं, केवल उन्हें टिक करना है। इन जानकारियों से विशेषज्ञ निष्कर्ष निकालेंगे और उसी आधार पर शिक्षा नीति का प्रारूप बनेगा।

सीतापुर में महिला कर्मचारी पंचायत चुनाव ड्यूटी से मुक्त

महिला कर्मचारी चुनाव ड्यूटी से मुक्त

सीतापुर : इस बार के पंचायत चुनाव में किसी महिला को चुनावी ड्यूटी नहीं करनी होगी। राज्य निर्वाचन आयोग से अनुमति लेने के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी ने महिला कर्मियों को चुनाव ड्यूटी से मुक्त करने का फैसला किया है। इस निर्णय के बाद 7,000 से अधिक महिला कर्मियों को राहत मिली है। हालांकि इस नई व्यवस्था के बाद पुरूष कर्मियों को दो-दो बार चुनाव ड्यूटी करनी होगी। निर्वाचन अधिकारी के इस निर्णय से ही मंगलवार को चुनाव ड्यूटी में लगाए गए अधिकारियों और कर्मचारियों को आदेश वितरित नहीं हो पाए, जो बुधवार को सुबह विकास भवन सभागार से वितरित होंगे।

पंचायत चुनाव को संपन्न कराने के लिए निर्वाचन ड्यूटी लगाने को लेकर इस बार राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों के ऑन लाइन फीड करने के आदेश दिए थे। इसके लिए एनआइसी द्वारा विभाग वार विभागाध्यक्षों को पासवर्ड दिए गए थे। जिसके आधार पर 23,132 अधिकारियों/कर्मचारियों के नाम व अन्य विवरण की फी¨डग की गई है। इसमें 7,061 महिला कर्मी शामिल हैं। इन सभी महिला कर्मियों को जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. इंद्रवीर सिंह यादव ने पंचायत चुनाव ड्यूटी से मुक्त कर दिया है। इसके लिए उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। जिससे चुनाव ड्यूटी में शामिल की गई महिला कर्मियों की रिक्त जगह को भरने का काम मंगलवार को पूरे दिन एनआइसी में जारी रहा।

प्रथम चरण में लगेंगे 10 हजार कर्मी :
प्रभारी अधिकारी मतदान कार्मिक/सीडीओ शिवेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि प्रथम चरण के मतदान के लिए जरूरत के हिसाब में कर्मचारियों की संख्या निर्धारित हो गई है। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण के चुनाव में लगभग 10 हजार कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। जिन्हें एक अक्टूबर को प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्होंने बताया महिलाओं को चुनाव ड्यूटी से मुक्त करने से पुरुष कर्मियों को डबल ड्यूटी करनी पड़ सकती है। अर्थात जो लोग प्रथम चरण के मतदान में ड्यूटी करेंगे उनके अधिकांश कर्मियों को दूसरे चरण के मतदान में लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस चुनाव ड्यूटी से बैंकर्स, केंद्रीय कर्मियों, बीमा क्षेत्र के कर्मचारियों को भी दूर रखा गया है।

राज्य निर्वाचन अयोग से वार्ता करने के बाद पंचायत चुनाव ड्यूटी से महिला कर्मियों को मुक्त किया गया है। महिलाओं को चुनाव ड्यूटी से दूर करने के कई कारण हैं। उन सभी वजहों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। - डॉ. इंद्रवीर सिंह यादव, जिलाधिकारी

जनपद गोंडा में UDise (यू-डायस) पर बेसिक शिक्षा विभाग की सूचनापरक विज्ञप्ति

जनपद गोंडा में UDise (यू-डायस) पर बेसिक शिक्षा विभाग की सूचनापरक विज्ञप्ति

सही जवाब न देने पर छात्र को पीटा, मौत , प्रेरक ने बच्चे को धूप में मुर्गा भी बनाया

📌 सही जवाब देने पर छात्र को पीटा, मौत
📌 प्रेरक ने बच्चे को धूप में मुर्गा भी बनाया

बलिया। कक्षा चार के बच्चे के सवाल का सही जवाब न दे पाने पर शिक्षा प्रेरक ने पहले उसे चिलचिलाती धूप में मुर्गा बनाया और फिर बेरहमी से पीटा। इससे बच्चे की मौत हो गई। मंगलवार को यह घटना चिलकहर विकास खंड के नरांव प्राथमिक विद्यालय की है। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे बेसिक शिक्षा अधिकारी व दूसरे अधिकारियों ने जांच के बाद कार्रवाई करने की बात कही है। उधर, बालक की मौत के बाद उसके घर में कोहराम मच गया। गड़वार थाना क्षेत्र के नरांव गांव का निवासी रामजी (12) पुत्र शिवजी गांव के प्राथमिक विद्यालय में कक्षा चार का छात्र था। आरोप है कि मंगलवार को दिन के करीब एक बजे विद्यालय में तैनात शिक्षा प्रेरक विजय राम ने बच्चों से सवाल पूछे। तीन छात्रों के सही उत्तर न देने पर उसने तीनों को धूप में मुर्गा बना दिया। इसके बाद उनकी पिटाई शुरू कर दी। इस बीच, छात्र रामजी को गश आ गया और वह बेहोश होकर गिर पड़ा। उसे पीएचसी चिलकहर ले जाया गया, जहां डाक्टरों उसको मृत घोषित कर दिया।

खबर फैलते ही सैकड़ों लोगों की भीड़ पीएचसी पर जुट गई। बीएसए राकेश कुमार सिंह स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे और विद्यालय के छात्रों को पीएचसी बुलाकर सबके सामने घटना की जानकारी ली। छात्रों ने बताया कि सवाल का जवाब न देने पर प्रेरक ने पहले बच्चों को धूप में मुर्गा बनाया फिर जमकर पीटा। अभिभावकों की मानें तो प्रेरक ने करीब एक पखवाड़ा पहले भी बच्चों को मुर्गा बनाकर दंडित किया था।

मैंने खुद भी इस मामले में बच्चों और अभिभावकों से बात की है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। ~ राकेश कुमार सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, बलिया

कुर्सी को लेकर दो बीईओ भिड़े : शिक्षकों की बैठक में दोनों के बीच खूब हुआ बवाल, पुलिस थाने में मामला दर्ज


मोहनलालगंज : मोहनलालगंज के विकास खंड कार्यालय के स्वर्ण जयंती सभागार में मंगलवार को शिक्षकों के बीच में दो खंड शिक्षा अधिकारियों में खूब बवाल हुआ। दोनों अपने आपको मोहनलालगंज का खंड शिक्षा अधिकारी बताकर बैठक लेने में जुटे थे। यहां पर शिक्षकों को जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के प्रपत्र भरने की ट्रेनिंग के लिए बुलाया गया था। शिक्षक भी यहां पर हैरान थे कि आखिर वह किसकी बात मानें।

ट्रेनिंग किनारे हो गई और दोनों खंड शिक्षा अधिकारियों के बीच घमासान इतना बढ़ गया कि मामला थाने तक पहुंच गया। एक खंड शिक्षा अधिकारी ने दूसरे खंड शिक्षा अधिकारी व साथ देने वाले शिक्षक पर पच्चीस हजार रुपये छीनने और सरकारी काम में बाधा डालने की रिपोर्ट थाने में दर्ज करवाई है। मंगलवार को मोहनलालगंज खण्ड विकास कार्यालय के स्र्वण जयंती सभागार में अध्यापकों को डायट प्रपत्र की जानकारी दी जा रही थी इस समय खण्ड शिक्षा अधिकारी राम नारायण यादव मौजूद थे कि तभी दूसरे खंड शिक्षा अधिकारी कमलेश सिंह मौके पर पहुंचकर खुद को वर्तमान खंड शिक्षा अधिकारी बताने लगे जिस पर दोनों अधिकारियों में आपस में कहासुनी हो गई। राम नारायण यादव का कहना था कि उन्हें तो सरोजनीनगर से यहां पर स्थानांतरित कर दिया गया है। जबकि कमलेश सिंह का कहना था कि उन्हें अभी तक स्थानांतरण का आदेश नहीं मिला है। ऐसे में वह यह बैठक तो वह ही लेंगे। इस पर राम नारायण यादव ने कहा कि बैठक तो वही लेंगे चाहे जो हो जाए। इसके बाद दोनों के बीच कहासुनी बढ़ गई। शिक्षकों ने हस्ताक्षेप कर कमलेश सिंह को हाल से बाहर कर दिया। इसके बाद कमलेश सिंह ने खंड शिक्षा अधिकारी राम नारायण, अध्यापक विनय कुमार व प्रधानाध्यापक मनोज मिश्र के खिलाफ पच्चीस हजार रूपये छीनने, मोबाइल और कार की चभी छीनने लेने व सरकारी काम में बाधा डालने का मामला दर्ज कराया।
खबर साभार : दैनिक जागरण

Tuesday, September 29, 2015

लखनऊ : बदहाल सरकारी स्कूल, हर छठा विद्यार्थी गैरहाजिर : प्राथमिक स्कूलों में 24,063 व पूर्व माध्यमिक स्कूलों में 7,214 विद्यार्थी लगातार अनुपस्थित हो रहे


जासं, लखनऊ : प्राथमिक स्कूलों व पूर्व माध्यमिक स्कूलों में मिड डे मील, निशुल्क ड्रेस व निश्शुल्क किताबें आदि मिलने के बावजूद विद्यार्थियों का रुझान पढ़ाई की ओर नहीं बढ़ रहा है। राजधानी में प्राथमिक स्कूलों व पूर्व माध्यमिक स्कूलों में हर छठे विद्यार्थी की अनुपस्थित दर्ज की जा रही है।

यह जांच डीएम राजशेखर के आदेश पर खुद बीएसए प्रवीण मणि त्रिपाठी ने की है। सरकारी जांच रिपोर्ट में चौकाने वाला एक तथ्य और पाया गया है कि करीब 4500 से अधिक विद्यार्थी ऐसे हैं जिन्होंने दूसरे स्कूल में नाम लिखवा लिया है या फिर उनका परिवार कहीं और स्थानांतरित हो गया है। अब इनके नाम काटे जाने के आदेश दिए गए हैं। राजधानी में कुल 1369 प्राथमिक स्कूलों में 1.34 लाख विद्यार्थी पढ़ते हैं और इसमें से 24063 अनुपस्थित रहते हैं। वहीं 472 पूर्व माध्यमिक स्कूलों में कुल 42885 विद्यार्थी पढ़ते हैं और इसमें से 7214 अनुपस्थित रहते हैं। इस तरह हर छठा विद्यार्थी अनुपस्थित हो रहा है। डीएम ने हैरानी जताते हुए विद्यार्थियों की उपस्थिति बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अक्टूबर में दस फीसदी और नवंबर में कम से कम पांच फीसदी और उपस्थिति बढ़ाने का लक्ष्य दिया है।

खबर साभार : दैनिक जागरण

लखनऊ : बच्चों को दाखिला देने के हाई कोर्ट के आदेश में रोक लगाने से किया इनकार : सुप्रीम कोर्ट ने लखनऊ के सीएमएस को 13 बच्चों को दाखिला देने का दिया आदेश

गरीब बच्चों को दाखिला न देने पर अड़े सिटी मांटेसरी स्कूल को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने लखनऊ के इंदिरानगर स्थित सीएमएस को 13 गरीब बच्चों को दाखिला देने का आदेश दिया है। 

यह आदेश न्यायमूर्ति एके सीकरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने सिटी मांटेसरी स्कूल की याचिका पर सुनवाई के बाद दिए। स्कूल ने 13 गरीब बच्चों को दाखिला देने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की है। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार करते हुए स्कूल को आदेश दिया कि वह शिक्षा के अधिकार कानून के तहत 13 गरीब बच्चों को दाखिला दे। हालांकि, कोर्ट ने स्कूल की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को जवाब देने के लिए नोटिस भी जारी किया है। यह मामला लखनऊ में इंदिरा नगर स्थित सिटी मांटेसरी स्कूल का है। सिटी मांटेसरी स्कूल के अलावा फेडरेशन आफ पब्लिक स्कूल ने भी सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दाखिल कर शिक्षा के अधिकार कानून के कुछ प्रावधानों को चुनौती दी है। कोर्ट ने इस याचिका पर भी नोटिस जारी किया है। 

इससे पहले स्कूल की ओर पेश वरिष्ठ अधिवक्ता शांति भूषण ने हाईकोर्ट के आदेश का विरोध करते हुए कहा कि नियमों के मुताबिक गरीब बच्चों को पहले सरकारी स्कूलों मे दाखिला दिया जाना चाहिए जब वहां जगह न बचे तब निजी स्कूल में भेजा जा सकता है। जबकि गरीब बच्चों की ओर से हस्तक्षेप अर्जी दाखिल करने वाले वकील अशोक अग्रवाल ने कहा कि याचिका में जो मसला उठाया गया है वह दिल्ली हाई कोर्ट तय कर चुका है। याचिका पर सुनवाई की जरूरत नहीं है। 

कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अंतरिम रोक आदेश देने से इन्कार कर दिया और याचिका पर नोटिस जारी किया। मामले के मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार ने सिटी मांटेसरी स्कूल को शिक्षा के अधिकार के तहत गरीब बच्चों को दाखिला देने का आदेश दिया। इस आदेश के खिलाफ स्कूल हाईकोर्ट गया। एकल पीठ ने स्कूल से कहा कि वह एक किलोमीटर के दायरे में रहने 13 गरीब बच्चों को दाखिला दे। एकल पीठ के आदेश के खिलाफ स्कूल हाई कोर्ट की खंडपीठ पहुंचा, लेकिन खंडपीठ ने भी राहत नहीं दी जिसके बाद स्कूल सुप्रीम कोर्ट आया है।
खबर साभार : दैनिक जागरण

सीएमएस को देना होगा एडमिशन
विशेष संवाददाता, नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने लखनऊ के सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) को निर्देश दिया है कि वह 13 गरीब बच्चों को अपने यहां एडमिशन दे। सीएमएस ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के ऐसे ही आदेश पर स्टे की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। कोर्ट ने स्टे देने से इनकार कर दिया और इस मामले में यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है।

हाई कोर्ट की सिंगल बेंच और डबल बेंच इस मुद‌्दे पर पहले ही सीएमएस को 13 बच्चों को एडमिशन देने का निर्देश दे चुकी हैं। डबल बेंच में याचिका खारिज होने के बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने आया। सुप्रीम कोर्ट में स्कूल की ओर से दलील दी गई कि यूपी सरकार ने नियम तय किए हैं कि अगर सरकारी स्कूलों में सीट भर जाए तब ही प्राइवेट स्कूलों में दाखिला दिया जाएगा। पर उसे राहत नहीं मिली। लखनऊ में सीएमएस प्रबंधन से कई कोशिशों के बाद भी संपर्क नहीं हो सका।



खबर साभार : नवभारत

Monday, September 28, 2015

अब इस्तीफा नहीं पड़ेगा देना, शिक्षकों के विरोध और सचिव बेसिक शिक्षा परिषद से प्राप्त गाइडलाइन के बाद होगा निराकरण, जूनियर भर्ती में जॉइनिंग बनी समस्या


अब इस्तीफा नहीं पड़ेगा देना, शिक्षकों के विरोध और सचिव बेसिक शिक्षा परिषद से प्राप्त गाइडलाइन के बाद होगा निराकरण

खबर साभार :  दैनिक जागरण 

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चुनाव आयोग ने दिया शिक्षामित्रों को झटका, कोर्ट के आदेश के बाद सरकारी कर्मचारी मानने से इंकार कर चुनाव ड्यूटी से हटाया

लालगंज। कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद का सामयोजन रद्द होने के बाद चुनाव आयोग ने भी शिक्षामित्रों को एक और झटका देते हुए उन्हें सरकारी कर्मचारी मानने से इंकार कर चुनाव ड्यूटी से हटा दिया है। इस संबंध में सभी खंड शिक्षाधिकारियों को चुनाव आयोग का आदेश प्राप्त हो गया है। 

मैनपुरी में वेतन न मिलने पर सदमे में गई शिक्षामित्र की जान, आक्रोशित शिक्षामित्रों ने रोड पर शव रखकर जाम लगाया

  • वेतन न मिलने पर सदमे में गई शिक्षामित्र की जान

मैनपुरी (ब्यूरो)। नौ माह से वेतन न मिलने पर सदमे में आए शिक्षामित्र की हार्टअटैक से रविवार सुबह मौत हो गई। जानकारी पर पहुंची पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया। जानकारी होने पर आक्रोशित शिक्षामित्रों ने कचहरी रोड पर एंबुलेंस में शव रखकर जाम लगा दिया। वहां लेखाधिकारी और बीएसए के खिलाफ नारेबाजी की। वह लोग मृतक की पत्नी को नौकरी और पांच लाख रुपये मुआवजा की मांग कर रहे थे। एसडीएम और सीओ सिटी के आश्वासन पर सवा घंटे बाद शिक्षामित्रों ने जाम खोला। थाना करहल क्षेत्र के ग्राम अहमनपुर निवासी रवींद्र श्रीवास्तव (35) पुत्र मिथलेश कुमार वर्तमान में करहल में तहसील के सामने रह रहे हैं। उनका चयन वर्ष 2004 में शिक्षामित्र के पद पर अहमनपुर के प्राथमिक विद्यालय में हुआ था।


काउंसिलिंग में प्राइवेट कॉलेजों की सीटें भरना मुश्किल, काउंसिलिंग में अभ्यर्थियों की बेरूखी के कारण मेरिट नीचे जाने की उम्मीद

  • काउंसिलिंग में 1000 को दाखिले के लिए बुलाया गया आए सिर्फ 246 
  • काउंसिलिंग में प्राइवेट कॉलेजों की सीटें भरना मुश्किल 

बीटीसी 2014 की काउंसिलिंग में प्राइवेट कॉलेजों की सीटें भरना मुश्किल हो रहा है। रविवार को काउंसिलिंग में एक हजार अभ्यर्थियों को दाखिले के लिए बुलाया गया लेकिन इसमें से केवल 246 ने ही दाखिला लिया। जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) की प्राचार्य ललिता प्रदीप ने बताया कि काउंसिलिंग में अभ्यर्थियों की बेरूखी के कारण मेरिट नीचे जाने की उम्मीद है। 

रविवार को डायट पर बीटीसी 2014 की प्रवेश काउंसिलिंग में विज्ञान व कला वर्ग में महिला श्रेणी की काउंसिलिंग थी। इसमें कला वर्ग में महिलाओं की श्रेणी में कुल 96 ने दाखिला लिया। इसमें सामान्य श्रेणी में 47, ओबीसी में 20 व एससी में 26 और एससी श्रेणी में तीन अभ्यर्थियों ने दाखिला लिया। वहीं कला वर्ग में महिला श्रेणी की काउंसिलिंग में कुल 123 अभ्यर्थियों ने दाखिला लिया। इसमें सामान्य श्रेणी में 40, ओबीसी में 49, एससी में 33, एसटी में एक और विशेष आरक्षण श्रेणी में 27 अभ्यर्थियों ने दाखिला लिया। इस तरह काउंसिलिंग में कुल 246 अभ्यर्थियों ने दाखिला लिया। बीटीसी 2014 के तहत प्राइवेट कॉलेजों में दाखिला लेने वाले अभ्यर्थियों का टोटा है।

Saturday, September 26, 2015

शिक्षामित्रों के वेतन पर फ़ुटबाल अब भी जारी, मेरठ के सभी खण्ड शिक्षाधिकारियों ने पत्र लिखकर हाईकोर्ट के फैसले के सापेक्ष माँगा बीएसए से मार्गदर्शन

शिक्षामित्रों के वेतन पर फ़ुटबाल अब भी जारी,  मेरठ के सभी खण्ड शिक्षाधिकारियों ने पत्र लिखकर हाईकोर्ट के फैसले के सापेक्ष माँगा बीएसए से मार्गदर्शन

राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा पर भी उठे सवाल, आरटीआइ से खुली पोल एससीईआरटी इलाहाबाद ने सवालों के गलत जवाब पर स्वीकारी भूल

पिछले वर्षो में मिली थी विसंगतियां
एनआइसी नई दिल्ली के तकनीकी निदेशक की आरटीआइ से खुली पोल एससीईआरटी इलाहाबाद ने सवालों के गलत जवाब पर स्वीकारी भूल
राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा पर भी उठे सवाल

इलाहाबाद : परीक्षाओं में गलत सवाल पूछने या फिर सवालों का गलत जवाब देने का आरोप उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड या फिर उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग पर ही लगता रहा है। इस कड़ी में एक नाम और जुड़ गया है एससीईआरटी यानी राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद उत्तर प्रदेश। एससीईआरटी ने राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा में सवालों का गलत जवाब देकर हजारों अभ्यर्थियों को पास से फेल करार देकर उनकी प्रतिभा का हनन किया है। एससीईआरटी के अफसर व्यक्तिगत तौर पर भूल भी स्वीकार कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश में बीते दो नवंबर 2014 को राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा (एनटीएसई) 2015 कराई गई। इस पहले चरण की परीक्षा का मूल्यांकन में एससीईआरटी की मनोविज्ञानशाला की लापरवाही सामने आई है। दरअसल देश स्तर की इस परीक्षा का प्रथम हर प्रदेश की एससीईआरटी की ओर से ही कराया जाता है। इस बार की परीक्षा पूरी होने के बाद राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआइसी) नई दिल्ली के तकनीकी निदेशक डा. विजय वीर ने जनसूचना अधिकार (आरटीआइ) के जरिए सवालों के जवाब मांगे। इससे पता चला कि पांच प्रश्नों का गलत मूल्यांकन किया गया है। प्रश्न संख्या 93, 94, 98 एवं 162 का एससीईआरटी ने सही उत्तर विकल्प एक, तीन, चार एवं एक दर्शाया है जबकि वास्तव में उसके सही उत्तर तीन, चार, तीन व दो हैं। इसी तरह प्रश्न संख्या 38 का सही विकल्प एक बताया गया है जबकि इसका सही विकल्प एक एवं चार दोनों है। यही नहीं, अंग्रेजी सेक्शन के सही बताए गए विकल्प भी त्रुटियों से भरे हैं। एससीईआरटी की मनोविज्ञानशाला के गलत मूल्यांकन से हजारों अभ्यर्थियों साथ नुकसान हुआ है।

तकनीकी निदेशक डा. विजय इसकी शिकायत करने दिल्ली से इलाहाबाद आए और रजिस्ट्रार विनय पांडेय से मिले तो उन्होंने गलतियां स्वीकारीं। डा. विजय ने बताया कि पांडेय ने गलती तो मानी साथ ही उलाहना दी कि इतनी देर से शिकायत क्यों की। कई छात्रों ने हाईकोर्ट में इन मामलों को चुनौती देकर अगले चरण की परीक्षा में प्रवेश ले लिया है वैसा ही आप भी करते।राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा के सवालों पर जो अंगुली उठी है वैसी ही विसंगतियां पिछले वर्षो भी हुईं थी। इसीलिए परीक्षा परिणाम देर से घोषित हुए। यही नहीं, एक आरटीआइ ने पूरी परीक्षा व्यवस्था को आइना दिखा दिया है। यह भी बता दिया कि राज्य का शिक्षा विभाग राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं के प्रति कितना गंभीर है।

UDISE: सकूलों को देना होगा संसाधनों का ब्योरा, एक अक्टूबर को ऑनलाइन फीड होगा ब्योरा

सकूलों को देना होगा संसाधनों का ब्योरा
एक अक्टूबर को ऑनलाइन फीड होगा ब्योरा

इलाहाबाद : सीबीएसई, आईसीएसई, मान्यता प्राप्त व सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूल व मदरसा के प्रबंधक/ प्रधानाचार्यो को स्कूल संसाधनों का ब्योरा बेसिक कार्यालय को जमा करना होगा। स्कूलों का डाटा ऑनलाइन मानव संसाधन विकास मंत्रलय भारत सरकार को भेजा जाएगा। ताकि यह जानकारी हासिल हो सके कि स्कूल संसाधन विहीन तो नहीं है।

बेसिक शिक्षा कार्यालय द्वारा कक्षा एक से बारह तक संचालित स्कूलों का यू डायस डाटा मांगा गया है। जैसे स्कूल में कमरों की संख्या, स्टाफ, पेयजल व्यवस्था, शौचालय, ग्राउंड, अभिलेखों की संख्या, कंप्यूटर, अग्निशमन यंत्र, कक्षा, कक्षों में लगे पंखों की संख्या आदि। बुनियादी सुविधाओं का डाटा निर्धारित प्रोफार्मा पर स्कूल प्रशासन को देना होगा।

जिला समन्वयक भंडारण प्रभारी संजय गुप्ता ने बताया कि यू डायस डाटा पर स्कूलों के संसाधनों का ब्योरा प्रत्येक जनपद से सर्वशिक्षा अभियान की वेबसाइट पर अपलोड होने के बाद ऑनलाइन कर दिया जाता है। कोई भी व्यक्ति स्कूलों के संसाधनों की जानकारी हासिल कर सकता है। उन्होंने बताया कि सर्वशिक्षा अभियान के दायरे में आने वाले स्कूलों को इसी संसाधनों के आधार पर बच्चों की यूनिफार्म, पाठय पुस्तकें समेत सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। डाटा प्राप्त होने के बाद स्कूलों का भौतिक सत्यापन कराया जाएगा। ताकि जानकारी हासिल हो सके कि स्कूल प्रशासन द्वारा दी गई सूचना सत्य है कि नहीं। अन्यथा विभागीय कार्रवाई के लिए बीएसए को पत्र लिखा जाता है।

बीएसए राजकुमार का कहना है कि सीबीएससी, आईसीएसई, माध्यमिक शिक्षा व परिषदीय स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को स्कूल संबंधित डाटा निर्धारित प्रोफार्मा पर भरकर एक अक्टूबर तक जमा कराने के निर्देश दिए जा चुके हैं।

Friday, September 25, 2015

बाँदा बीएसए के शिक्षामित्रों के वेतन संबंधी पत्र का लेखाधिकारी ने दिया जवाब, वेतन और पूरे मामले के लिए बताया बीएसए को ही निर्णय लेने का है अधिकार

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प्राइमरी का मास्टर अपडेट: 

*  कई स्रोतों से प्राप्त खबर के अनुसार यह खबर सही नहीं है। शायद खबर को सही ढंग से प्रतुतीकरंण नहीं किया गया है। बीएसए रायबरेली द्वारा लगातार प्रशिक्षु शिक्षकों को लियन या धारणाधिकार देने से इनकार किया जा रहा है।


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Thursday, September 24, 2015

शिक्षामित्रों के वेतन पर संशय जारी, जनपद सीतापुर में भी वित्त लेखाधिकारी ने हाईकोर्ट के फैसले के समादर में बीएसए से माँगा स्पष्ट निर्देश

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