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Friday, October 30, 2015

गोरखपुर : शासन ने पूछा, कितने विद्यालय शिक्षामित्रों के भरोसे, प्राथमिक शिक्षक और विद्यालयों का व्यौरा जुटाने में जुटा विभाग

यह भी जानें :
कुल प्राथमिक विद्यालय 2151
उच्च प्राथमिक विद्यालय 835
लगभग 6500 शिक्षक तैनात
जिले में 2628 शिक्षामित्र तैनात
5000 शिक्षकों की और जरूरत
(सब आंकड़े लगभग में हैं)
गोरखपुर : शासन ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों से जनपद के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों की रिपोर्ट मांगी है। पूछा है कि जिले में कितने प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं, कितने शिक्षक तैनात हैं और कितनी जरूरत है। यही नहीं कितने विद्यालय शिक्षामित्रों के भरोसे चल रहे हैं। शासन का निर्देश मिलते ही गोरखपुर बेसिक शिक्षा विभाग भी सतर्क हो गया है।


खंड शिक्षा अधिकारी संबंधित ब्लाकों में स्कूल और शिक्षकों की गणना में जुट गए हैं। ब्लाकवार रिपोर्ट तैयार हो रही है। बेसिक शिक्षा विभाग के मुताबिक जिले के 19 ब्लाक और नगरीय क्षेत्र के खंड शिक्षा अधिकारी रिपोर्ट तैयार करने के लिए स्कूलों का भ्रमण कर रहे है। तीन ब्लाकों से रिपोर्ट बीएसए दफ्तर आ गई है, जबकि, अन्य ब्लाकों से 3 नवंबर तक हर हाल में उपलब्ध कराने को कहा गया है। विद्यालयों का पूरा व्यौरा तैयार करने के दौरान सहायक अध्यापक पद पर समायोजित शिक्षामित्रों की गणना नहीं हो रही है। सिर्फ यही आंकलन किया जा रहा है कि उनके अलावा कितने और शिक्षक तैनात हैं और शिक्षामित्रों भरोसे कितने विद्यालय संचालित हो रहे हैं। ऐसे में कितने पद रिक्त हो रहे हैं। इसको लेकर शिक्षामित्रों में उहापोह की स्थिति है। वे समझ नहीं पा रहे कि आखिर उनकी गणना क्यों नहीं हो रही। उनका कहना है कि उनसे सहायक अध्यापक के तौर पर सेवा ली जा रही है। रोजाना उपस्थिति भी बन रही है। बावजूद गणना से बाहर रखा जाना समझ से परे है।

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वहीं, विभाग के लोगों का कहना है कि यह फरमान सिर्फ नवनियुक्त शिक्षकों की तैनाती के लिए जमीन तैयार करने की कवायद भर है। शासन यह जानने की कोशिश कर रहा है कि शिक्षामित्रों के हटने से किस-किस स्कूल में पठन-पाठन पूरी तहर प्रभावित होगा और कहां आंशिक रुप से। दीपावली के पहले प्रशिक्षु शिक्षकों की तैनाती होनी है। इसके लिए उन स्कूलों का चयन किया जा रहा है, जहां वास्तविक तौर पर शिक्षकों की कमी से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। 12 सितंबर को हाईकोर्ट ने सहायक शिक्षक पद पर समायोजित शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द कर दिया। उसके बाद से शिक्षामित्र ही नहीं सरकार भी पशोपेश में हैं।


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