DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Tuesday, May 31, 2016

मैनपुरी : नियुक्ति में फर्जीवाड़ा, खुलासे के बाद अपनी गर्दन बचाने में लगे अधिकारी, बिना सत्यापन शिक्षकों को जारी कर दिया वेतन

आठ माह पहले हुई शिक्षकों की नियुक्त में जिले में बड़े पैमाने पर खेल हुआ। शिक्षकों ने प्रमाण पत्र फर्जी लगा दिए, वहीं विभाग ने भी आंख मूंदकर काम किया। प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराए बिना ही बेसिक शिक्षा विभाग ने लाखों रुपये का वेतन बांट दिया। शिक्षकों के खाते में आठ माह का वेतन पहुंच गया। अब जांच में 11 शिक्षकों के दस्तावेज फर्जी मिले तो खलबली मच गई है। विभागीय अधिकारी वेतन देने के मामले में खुद को बचाने में जुटे हैं। 1 सितंबर 2015 में जिले में दो बार 29 हजार और 72 हजार शिक्षकों की नियुक्ति के प्रक्रिया में जिले में गणित और विज्ञान के 333 शिक्षकों की नियुक्तियां की गई थीं। तब जिला बेसिक शिक्षाधिकारी हरकेश यादव थे। इनमें टेट (शिक्षक पात्रता परीक्षा) का प्रमाण पत्र भी शिक्षकों ने लगाया था। शासनादेश के मुताबिक शिक्षकों को नियुक्ति पत्र जारी होने से पहले टेट प्रमाण पत्र का सत्यापन कराना चाहिए था। विभागीय अफसरों ने ये मुनासिब नहीं समझा। विभाग ने केवल इंटरमीडिएट और स्नातक के प्रमाण पत्रों का सत्यान कराकर ही शिक्षकों को वेतन देना शुरू कर दिया। 22 सितंबर 2015 से इन शिक्षकों को अब तक का वेतन दिया जा चुका है। अब जब कई शिक्षकों के टेट के प्रमाण पत्र फर्जी होने की भनक लगी, तो आनन-फानन में सत्यापन कराकर जांच शुरू कराई गई। जांच में भी 11 शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी साबित हुए। बाकी की जांच चल रही है। हालांकि अधिकारी अभी किसी शिक्षक के नाम का खुलासा नहीं कर रहे हैं। उधर, जांच शुरू होते ही किशनी क्षेत्र के उच्च प्राथमिक विद्यालय बसैत में तैनात शिक्षक राजकुमार ने इस्तीफा दे दिया। इनका भी प्रमाण पत्र फर्जी था। राजकुमार को आठ माह का वेतन भी मिल चुका है। अब जब फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है तो अधिकारी अपनी गर्दन बचाने में जुटे हैं। बगैर सत्यापन कराए वेतन देने पर एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी वेतन लगाने की संस्तुति बीएसए द्वारा की जाती है। उसके बाद ही हम कार्रवाई करते हैं। टेट प्रमाण पत्र का डाटा ऑनलाइन है। इसका सत्यापन करने के बाद ही नियुक्ति पत्र जारी होना चाहिए था। हमें बीएसए ने वेतन देने की संस्तुति की, तो हमने वेतन जारी कर दिया।शीलेंद्र यादव, वित्त एवं लेखाधिकारी। जिलाधिकारी के निर्देश पर जांच प्रक्रिया तेजी से चल रही है। दो दिन के अंदर फर्जी शिक्षकों का खुलासा हो जाएगा। जो भी फर्जी होंगे उनके विरुद्ध कार्रवाई होगी

No comments:
Write comments