सरदारनगर विकास खंड स्थित प्राथमिक विद्यालय तिलौली के शिक्षकों का पढ़ाने का तरीका देश के सभी प्राथमिक विद्यालयों के लिए माडल के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा। लैंग्वेज एंड लर्निग फाउंडेशन (एलएलएफ) नई दिल्ली तथा राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) लखनऊ की टीम ने मंगलवार को विद्यालय में पहुंचकर शिक्षकों के पढ़ाने के तौर-तरीके की वीडियो फिल्म तैयार की। इस वीडियो फुटेज को देश के सभी प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों को भेजा जाएगा। ताकि शिक्षक इस विद्यालय के शिक्षकों के पढ़ाने की पद्धति सीख सकें।
एलएलएफ और एससीईआरटी की टीम ‘आरंभिक स्तर पर बच्चों में भाषा का विकास किस तरह से किया जाय’ के सवाल को सुलझाने को लेकर शिक्षकों के लिए वीडियो फिल्म तैयार कर रही है। इसमें शिक्षकों के द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली भाषा के फिल्मांकन पर जोर दिया जा रहा है। खासकर मौखिक भाषा, प्रिंट की अवधारणा, ध्वनि जागरूकता आदि को केंद्र में रखकर फिल्मांकन किया जा रहा है। एलएलएफ और एससीईआरटी ने फिल्मांकन के लिए कान्वेंट के स्तर की शिक्षा व्यवस्था होने की वजह से चर्चा में आए प्राथमिक विद्यालय तिलौली को वीडियो फिल्म बनाने के लिए चयनित किया था।
इसके लिए एससीईआरटी से सर्व शिक्षा अभियान के संयुक्त निदेशक अजय कुमार सिंह, अपनी टीम के साथ मंगलवार को विद्यालय में वीडियोग्राफी के लिए पहुंचे। उन्होंने कहा कि इस विद्यालय में बच्चों की भाषा के विकास पर अच्छा काम हो रहा है। इसलिए इस विद्यालय की शिक्षण विधियों की फिल्म बनाने के लिए चुना गया।
ध्इस फिल्म को देश के भर के शिक्षकों को भेजा जाएगा। ताकि बच्चों में भाषा का विकास करने के लिए वे यहां के शिक्षकों के तौर-तरीके को समझ सकें। यह वीडियो एलएलएफ की डा. निधि विनायक के निर्देशन में तैयार किया जा रहा है।1 वीडियोग्राफी के मौके पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ओम प्रकाश यादव यादव, खंड शिक्षा अधिकारी अरुण प्रताप सिंह, तथा विद्यालय के शिक्षक विजय प्रताप चंद, संगीता यादव, और प्रधानाध्यापक अल्पा निगम मौजूद थीं।
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