इलाहाबाद : विद्यालयों में दाखिला पाने में फर्जीवाड़ा अब नहीं हो सकेगा। नकल माफिया जिन माध्यमों से चहेतों को दाखिला दिलाने में सफल हो जाते हैं, उन्हें एक-एक करके बंद किया जा रहा है। बोर्ड अब आधार कार्ड के जरिये फर्जीवाड़े पर प्रभावी अंकुश लगाने जा रहा है। नए सत्र में छात्र-छात्रओं को प्रवेश देने के साथ ही इस पर अमल शुरू होना है।
माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी में नकल माफिया का खेल चहेते छात्र-छात्रओं को दाखिला दिलाने के साथ ही शुरू हो जाता है। इसके लिए सबसे मुफीद कक्षा नौ व 11 में प्रवेश दिलाना रहता है। ऑनलाइन पंजीकरण के जरिये छात्र आसानी से प्रवेश पा जाते हैं। दाखिले के बाद भी नकल माफिया अपने मनमुताबिक परीक्षा केंद्र बनवाने का प्रयास करते हैं ताकि उनके चहेते अच्छे अंकों से परीक्षा की वैतरणी पार कर जाएं। प्रशासन ऐसे फर्जीवाड़े पर नजरें गड़ाए है और लगातार इसे रोकने के पुख्ता इंतजाम हुए और काफी हद तक सफलता भी मिली है। उससे एक कदम आगे बढ़ाते हुए प्रशासन इस पर मंथन कर रहा है कि जुलाई से शुरू हो रहे नए शैक्षिक सत्र में कक्षा नौ व 11 के ऑनलाइन पंजीकरण के फार्म में आधार का नंबर देना अनिवार्य कर दिया जाए। देश में बच्चों से लेकर बड़ों तक का आधार कार्ड जारी हो चुका है उसका बोर्ड में बेहतर प्रयोग किया जाए।
इस साल शह-मात का चला खेल : इसी साल बोर्ड प्रशासन ने हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के ऑनलाइन परीक्षा फार्म भरने के समय पिछले करीब दस सालों के पंजीकृत छात्र-छात्रओं के नामों की लिस्ट लिंक कर दी थी। इसका यह असर रहा कि पिछले वर्षो में यदि कोई छात्र या छात्र परीक्षा दे चुका है तो वह दोबारा फार्म नहीं भर सका। इस कदम से इसी साल करीब साढ़े सात लाख परीक्षार्थी घट गए हैं। हालांकि हाईस्कूल व इंटर में मौका न मिलने पर ऐसे छात्र-छात्रओं ने कक्षा नौ व 11 का पंजीकरण करा लिया है। इसीलिए उनकी संख्या बढ़ गई है।’ हाईस्कूल व इंटर परीक्षा में वही परीक्षार्थी शामिल होंगे, जिनका कक्षा नौ व 11 में पंजीकरण हो चुका हो। ’हाईस्कूल व इंटर का परीक्षा फार्म भरते समय पिछले वर्षो का रिकॉर्ड लिंक कर दिया गया है। ’ प्रदेश के 31 जिलों में बोर्ड परीक्षाओं में क्रमांकित यानी कोडिंग वाली कॉपियों पर परीक्षा हो रही है।ये कदम पहले ही उठा चुका बोर्ड।
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