DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Sunday, April 23, 2017

13.5 लाख छात्र और छात्राएं नहीं बन सके हाईस्कूल व इंटर के परीक्षार्थी, नकल का इंतजाम न हो पाने से छह लाख ने छोड़ दिया इम्तिहान

की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा को दुनिया की सबसे बड़ी परीक्षा संस्था का तमगा हासिल है। बड़ी परीक्षा से आशय इसमें बैठने वाले परीक्षार्थियों की तादाद से है। इसका स्याह पक्ष यह भी है कि सूबे में सक्रिय नकल माफिया इस परीक्षा में अर्से से सेंधमारी कर रहे हैं। अपनों को दाखिला दिलाने से लेकर उन्हें उत्तीर्ण कराने के सारे इंतजाम का वह ठेका ले लेते हैं। इस बार पहले बोर्ड प्रशासन और फिर बदली सरकार के तेवर से बड़ा झटका लगा है। इसीलिए 13.5 लाख छात्र-छात्रएं परीक्षार्थी नहीं बन सके हैं।माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी की हाईस्कूल व इंटर परीक्षा के लिए इधर कुछ वर्षो से ऑनलाइन परीक्षा फार्म भरवाये जा रहे हैं। इसमें छात्र या छात्र का कक्षा नौ और 11 का पंजीकरण नंबर आदि मांगने के बाद भी नकल माफिया बोर्ड प्रशासन को चकमा देते रहे हैं। हर साल बड़ी संख्या में चहेते छात्र-छात्रओं का दाखिला और परीक्षार्थी बनाने में वह सफल रहे हैं। इस बार के सिस्टम सेल ने हाईस्कूल व इंटर का परीक्षा फार्म भरते समय ऐसा साफ्टवेयर डेवलप कराया, जिसमें पिछले दस वर्षो में जो भी परीक्षार्थी थे उनका पूरा ब्योरा वेबसाइट से लिंक कर दिया गया। इसका यह असर हुआ कि परीक्षा फार्म भरते समय बड़ी संख्या में ऐसे छात्र-छात्रएं पकड़ी गई, जो पहले परीक्षार्थी रह चुकी हैं। ज्ञात हो कि में संस्थागत परीक्षार्थी के रूप में परीक्षा उत्तीर्ण करने का दो बार मौका दिया जाता है। उसके बाद व्यक्तिगत परीक्षार्थी बनना पड़ता है। बोर्ड प्रशासन के अनुसार इस बार साढ़े सात लाख से अधिक परीक्षार्थी परीक्षा फार्म भरते वक्त ही पिछले साल की अपेक्षा घट गए। के परीक्षा केंद्रों का निर्धारण इस बार मुख्यालय पर नहीं किया जा सका, बल्कि शासन ने जिला विद्यालय निरीक्षकों पर ही भरोसा जताया। इससे नकल माफिया मनचाहे केंद्र बनवाने में सफल रहे। शायद इसीलिए पिछले वर्ष से साढ़े सात लाख से अधिक परीक्षार्थी घटने के बाद भी परीक्षा केंद्रों में मामूली कमी आई। यह जरूर है कि परीक्षा शुरू होने के बाद सूबे की नई सरकार के सख्त तेवर से नकलचियों ने इम्तिहान से किनारा कर लिया। परीक्षा शुरू होने के बाद कुछ ही दिनों में इम्तिहान छोड़ने वालों का आकड़ा बढ़कर छह लाख के करीब पहुंच गया। माना जा रहा है कि उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में यह संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि सभी विद्यालयों से पूरा ब्योरा अभी मांगा जा रहा है।

हाईस्कूल व इंटर का परीक्षा फार्म भरते समय पहले तकनीक ने घटाये

No comments:
Write comments