जागरण संवाददाता, कानपुर: माध्यमिक स्तर पर सभी राजकीय, अनुदानित व मान्यता प्राप्त विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्रओं के हाथ में 17 मई तक आधार कार्ड होना चाहिए। यह आदेश माध्यमिक शिक्षा निदेशक अमरनाथ वर्मा ने अधीनस्थों को जारी किया है। कहा है कि इस काम को अभियान के रूप में लेते हुए इसकी शुरुआत 17 अप्रैल से की जाए। इसके बाद सौ फीसद लक्ष्य को तय समय से पूरा कर लिया जाए। हालांकि शिक्षा विभाग के जानकारों का कहना है कि 21 अप्रैल तक बोर्ड परीक्षाएं संचालित होने व 27 से मूल्यांकन शुरू होने के चलते यह काम आसानी से नहीं हो पाएगा। आदेश में एक विशेष बात कही गई है कि अगले साल होने वाले छात्रों के ऑनलाइन पंजीकरण के दौरान नौवीं से 12वीं तक के छात्र-छात्रओं के आधार कार्ड व यू डायस कोड की जानकारी भी दी जाए। इस कवायद के लिए मंडल स्तर पर संयुक्त शिक्षा निदेशक व जनपद स्तर पर डीआइओएस को यह निर्देशित किया गया है कि वह यूआईडी आधार कार्ड का काम देखने वाली संस्था के सदस्यों संग समय-समय पर बैठक कर काम में आने वाली बाधाओं को दूर करें। बता दें 27 मार्च को मानव संसाधन विकास मंत्रलय में प्रोजेक्ट एप्रूवल बोर्ड की ओर से जो बैठक हुई थी, उसमें सूबे के अंदर छात्रों के आधार कार्ड का काम कछुआ चाल से होने की बात सामने आयी थी। इसे देखते हुए माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने आदेश जारी किए हैं।
कक्षा आठ तक 19 हजार बच्चों के बने आधार कार्ड :
प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले 19 हजार बच्चों के आधार कार्ड बन चुके हैं। हालांकि माध्यमिक विद्यालयों में अगर हम छात्र-छात्रओं की बात करें तो यह आंकड़ा चार लाख तक पहुंचता है। ऐसे में विभागीय अफसरों को बहुत कम समय में इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए रातदिन जुटना होगा। आधार बनने से बच्चों के लिए चलने वाली योजनाओं को उन्हें मिलने में आसानी रहेगी।
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