परिषदीय विद्यालयों में पठन-पाठन, शिक्षकों व बच्चों की उपस्थिति का जमीनी हकीकत जानने के लिए बीएसए ने बीईओ से चित्तौरा ब्लॉक के कई स्कूलों का औचक निरीक्षण कराया। इस दौरान व्यवस्था की पोल खुलती नजर आई। कहीं बच्चों की उपस्थिति कम मिली तो कहीं शिक्षक ही गायब मिले तो कहीं विद्यालय ही बंद मिला। बीईओ की जांच आख्या पर लापरवाह 19 शिक्षकों को बीएसए ने निलंबित कर दिया। साथ ही 93 शिक्षकों का वेतन रोक दिया है। जवाब-तलब भी किया गया है। 1 बीएसए डॉ.अमरकांत सिंह ने बताया कि 13 अप्रैल को चित्तौरा ब्लॉक के स्कूलों का टीम बनाकर औचक जांच कराई गई। सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को इन टीमों को शामिल किया गया। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद गैर हाजिर व लापरवाह 17 शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है। जांच में प्राथमिक विद्यालय रेवली में बच्चों की उपस्थिति संख्या 10 मिली। अनुपस्थित मिलने प्रभारी प्रधान शिक्षिका शारदा जायसवाल को निलंबित किया गया है। विद्यालय की ही सहायक
शिक्षिका अर्चना अग्रवाल अनुपस्थित रहीं। कोई प्रार्थना पत्र नहीं मिला। इस पर इन्हें भी निलंबित किया गया। प्राथमिक विद्यालय भेटिया प्रसाद के सहायक शिक्षक विनोद कुमार गैरहाजिर रहने पर निलंबन की कार्रवाई की गई। प्राथमिक विद्यालय हड़हापुरवा की प्रधान शिक्षिका इशरत जहां एक अप्रैल से अनुपस्थित पाई गई।
इन्हें निलंबित कर दिया गया। प्राथमिक विद्यालय सुहेल नगर की प्रधान शिक्षिका रागिनी सिन्हा का अवकाश प्रार्थना पत्र चढ़ा नहीं था। स्कूल में 12 बच्चे ही मिले। निलंबन की कार्रवाई की गई। उच्चत्तर प्राथमिक विद्यालय सुहेल नगर की सहायक शिक्षिका अनीसा बानो, प्रा वि कालेपुरवा की सहायक शिक्षिका रूमाना कुद्दूस गैर हाजिर मिली। निलंबन की कार्रवाई की गई।
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