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Sunday, April 16, 2017

रायबरेली : बीएसए की मनमानी से नाराज प्रेरकों ने बनाई रणनीति, मुख्यमंत्री से शिकायत करने के लिए 90 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल नामित

आदर्श साक्षरताकर्मी वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक विकास भवन में जिलाध्यक्ष अर्चना सिंह की अध्यक्षता में आयोजित हुई। जिसमें संगठन के जनपद एवं ब्लॉक पदाधिकारियों ने बीएसए की मनमानी के खिलाफ आगे की रणनीति पर विचार विमर्श किया। बैठक के संचालक जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष पारसनाथ मिश्रा रहे। जिलाध्यक्ष अर्चना सिंह ने कहा कि बेसिक शिक्षा भवन में साक्षरता प्रकोष्ठ को समाप्त करने की मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि 20 अप्रैल तक 1994 से आवण्टित कार्यालय साक्षरता प्रकोष्ठ की बहाली तथा प्रेरकों के नवीनीकरण का पत्र निर्गत न किया गया तो 21 अप्रैल से विकास भवन में जनपद के 1800 साक्षरताकर्मी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेंगे। जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की होगी। संगठन के पदाधिकारियों ने बीएसए की कार्यशैली के खिलाफ निन्दा प्रस्ताव पारित करते हुए राष्ट्रीय साक्षरता मिशन प्राधिकरण तथा मानव संसाधन विकास मंत्री भारत सरकार को पत्र प्रेषित कर यथास्थिति से अवगत कराया। जिसमें कहा गया कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जैसे जिम्मेदार पद पर रहते हुए तुच्क्ष मानसिकता के तहत गुरूशरण निरंजन द्वारा राष्ट्रीय कार्यक्रम में बाधाएं उत्पन्न की जा रही हैं। इन्हीं की लापरवाही का नतीजा है कि कई ब्लॉकों में बजट होने के बावजूद प्रेरकों का मानदेय तथा माडल लोक शिक्षा केंद्र की क्रय सामग्री का भुगतान न होने से धनराशि वापस लौट गई। इसी प्रकार खाते में करोड़ों रूपए धनराशि होते हुए भी समन्वयकों को 20 माह से मानदेय यह कहते हुए नहीं दिया गया कि संबंधित मद में बजट उपलब्ध नहीं है।जबकि जिला लोक शिक्षा समिति में मदों की अनदेखी कर एक मद का पैसा दूसरे मद में कई बार वर्तमान बीएसए ही खारिज किए हैं जो बाद में धनराशि प्राप्त होने पर समाहित किया गया। जिलाध्यक्ष ने कहा कि प्रकरण की शिकायत जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी से की जा चुकी है जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री से शिकायत करने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल नामित किया। जिसमें प्रत्येक विकास क्षेत्र से पांच-पांच वरिष्ठ प्रेरकों को शामिल किया गया है। यह प्रतिनिधि मंडल 19 अप्रैल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के कृत्यों की जांच कराकर कार्रवाई की मांग करेगा।

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