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Sunday, April 16, 2017

हाथरस : फर्जी प्रमाण पत्र वाले तीन शिक्षकों की सेवा समाप्त, ऍफ़आईआर दर्ज करने एवं दिए गए वेतन की रिकवरी का भी आदेश

संवाद सहयोगी, हाथरस : कूटरचित प्रमाण पत्रों के आधार पर बेसिक के प्राथमिक विद्यालयों में तैनात दो शिक्षक व एक शिक्षिका को सहायक अध्यापक के पद से बर्खास्त कर दिया गया है। सत्यापन में तीनों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए। इनमें दो की जन्म तिथि व एक का गोदनामा गलत था। स्पष्टीकरण के लिए अंतिम नोटिस देने के बाद बीएसए ने तीनों की सेवा समाप्त कर दी। इनके खिलाफ एफआइआर भी दर्ज कराई जाएगी। 1पहला प्रकरण : अलीगढ़ जिले की रहने वाली नगमा हसन पुत्री शरीफुल हसन ने उर्दू भाषा सहायक अध्यापक भर्ती में काउंसलिंग के बाद हाथरस ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय परसारा में 15 मार्च 2016 को तैनाती पाई थी। काउंसलिंग के दौरान शिक्षिका ने जो प्रमाण पत्र लगाए थे, उसमें हाईस्कूल के प्रमाण पत्र में जन्मतिथि 01-01-84 दर्ज थी। एएमयू से जब उक्त प्रमाण पत्र का सत्यापन होकर आया तो उसमें जन्मतिथि 01-01-80 थी। जन्मतिथि में भिन्नता पाए जाने पर नोटिस जारी किए गए। जिसमें शिक्षिका ने कहा था कि शादी के मकसद से परिवार के लोगों ने उम्र में हेर-फेर कर दिया था, जिसकी जानकारी उसे कतई नहीं है। जांच के बाद कार्रवाई हुई।1दूसरा प्रकरण : अमर सिंह पुत्र खजान सिंह शिक्षामित्र के पद पर सादाबाद के प्राथमिक विद्यालय जंगला मे तैनात थे। समायोजन होने के बाद अमर सिंह को तैनाती सादाबाद के ही प्राथमिक विद्यालय बास पहोपी में मिली। शिक्षक के प्रमाण पत्रों को सत्यापन के लिए भेजा गया, जिसमें हाईस्कूल के प्रमाण पत्र में दर्ज जन्मतिथि में भिन्नता पाई गई। जो प्रमाण पत्र काउंसलिंग के समय लगाया गया उसमें जन्मतिथि 24-01-73 अंकित थी, लेकिन क्षेत्रीय सचिव मेरठ बोर्ड से जो सत्यापन रिपोर्ट आई उसमें जन्मतिथि 24-03-69 दर्ज थी। नोटिस का जवाब आने के बाद पुन: एक बार बोर्ड से सत्यापन कराया गया, लेकिन बोर्ड ने कोई राहत नहीं दी। अब जांच पड़ताल के बाद बीएसए ने कार्रवाई तय कर दी। 1तीसरा प्रकरण : प्रेमकुमारी सहायक अध्यापिका के पद पर प्राथमिक विद्यालय गिजरौली में तैनात थी। नौकरी के दौरान ही मौत हो जाने के बाद उनके भतीजे बाबूजी निवासी नाई का नगला ने फर्जी गोदनामा लगाकर 05-02-11 में मृतक आश्रित में नौकरी हासिल कर प्राथमिक विद्यालय गढ़ी गिरधरा में तैनाती ले ली। तत्कालीन बीएसए विनोद कुमार के समय में यह नियुक्ति हुई थी। सपा नेता अजय शर्मा ने इस प्रकरण की शिकायत बीएसए रेखा सुमन से की थी। खंड शिक्षा अधिकारी सासनी अखिलेश कुमार यादव को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया। 28-05-08 में सिविल जज वरिष्ठ प्रभार द्वारा गोदनामा जारी किया गया था, जबकि बेसिक शिक्षा नियमावली के अनुसार उक्त गोदनामा प्रमाण पत्र केवल मृतक के देयकों के भुगतान के लिए ही मान्य है। सिविल जज वरिष्ठ प्रभार हाथरस द्वारा जारी किए गए प्रमाण पत्रों में यह कहीं भी अंकित नहीं है कि वह सरकारी सेवा में नौकरी प्राप्त करने हेतु मान्य है। जांच में तथ्य सामने आए कि शिक्षिका की मौत के बाद गोदनामा कूटरचित तरीके से तैयार किया गया है।’>>प्राथमिक विद्यालय गिरधरा, परसारा, बांस पहोपी के शिक्षकों पर गाज 1’>>सत्यापन में एक शिक्षिका व शिक्षक की जन्मतिथि में मिली भिन्नता 1सत्यापन के बाद दो शिक्षकों के हाईस्कूल प्रमाण पत्रों में जन्मतिथि भिन्न पाई गई थी, जबकि एक शिक्षक ने फर्जी गोदनामा तैयार कराकर नियुक्ति प्राप्त कर ली थी। तीनों शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गई है। संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों को तीनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश जारी किए गए हैं।1रेखा सुमन, बीएसए, हाथरस





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