हसनपुर (अमरोहा)1आजकल जहां शिक्षा का व्यवसायीकरण हो रहा है, लोग धन अर्जन के लिए स्कूल और कालेज खोल रहे हैं। वहीं हसनपुर की ग्राम पंचायत पतेई भूड़ के प्रधान वीर सिंह ने लोगों के सामने मिसाल पेश की है। गांव के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा के स्तर को बेहतर करने के उद्देश्य से वह संसाधन उपलब्ध करा रहे हैं। इसके लिए वह खेती से होने वाली आय को भी इसमें खर्च कर देते हैं। गांव के इन स्कूलों की स्थिति देखकर बरबस ही शहर के बड़े स्कूलों की याद हो आती है।1गांव में प्राथमिक विद्यालयों की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। लेकिन पतेई भूड़ के प्राथमिक और उच्च विद्यालयों की बात ही अलग है। यहां के ग्राम प्रधान ने अपनी मेहनत और जज्बे के दम पर इस स्कूल को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया है। उन्होंने गांव के दोनों विद्यालयों की बेहतर ढंग से पुताई कराई है। साथ ही जागरूक करने वाले स्लोगन लिखाए हैं। बच्चों और अध्यापकों को शुद्ध पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से टंकी के साथ ही सबमर्सिबल पंप भी लगवाया है। हर कमरे में पंखों की व्यवस्था की गई है। प्रांगण में पाम के पेड़ और फुलवारी भी सजाई गई है। 1दोनों स्कूलों में वाई-फाई सेवा शुरू कर बच्चों को कम्प्यूटर की शिक्षा के लिए भी वीर सिंह ने शुरू कर दिए हैं। वह शिक्षकों के साथ पतेई भूड़, रङौड़ा, बहादरपुर और तसीहा की मढैया आदि गांवों में लोगों से मिलकर उन्हें बच्चों को स्कूल भेजने के लिए भी प्रेरित कर रहे हैं। बीएसए शमीम खानम, बीईओ तौसीफ अहमद ने शिक्षा के लिए किए गए प्रगतिशील कार्यो के लिए वीर सिंह को सम्मानित भी किया है। जिलाधिकारी शुभ्रा सक्सेना ने भी स्कूल के निरीक्षण के दौरान ग्राम प्रधान द्वारा कराए गए कार्यो की प्रशंसा की थी। उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया था। वीर सिंह का कहना है कि परिषदीय स्कूलों को बेहतर बनाने की प्रेरणा उन्हें पत्नी मीना और बेटे विशाल व पर्व से मिली है। मैथ्स से एमएससी कर चुके वीर इन बच्चों को गणित पढ़ाने के लिए एक घंटे का समय स्कूल में प्रतिदिन देते हैं।वीर सिंह ’ जागरणगांव पतेई भूड़ का प्राथमिक विद्यालय ’ जागरण’>>अपना धन लगाकर परिषदीय विद्यालय को बनाया मॉडल स्कूल1’>>शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग के लिए अधिकारी कर चुके हैं सम्मानित
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