उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के सदस्यों ने जिला बेसिक शिक्षाधिकारी पर शिक्षकों का उत्पीड़न कराने का आरोप लगाया है। इसको लेकर गुस्साए शिक्षकों ने बीएसए का घेराव कर लिया। करीब डेढ़ घंटे तक नोंकझोक होती रही। इस बीच शिक्षकों ने जमकर नारेबाजी की।
शुक्रवार को शिक्षक एकत्र होकर जिला बेसिक शिक्षाधिकारी कार्यालय आ गए और प्रभारी बीएसए त्रिलोकीनाथ का घेराव कर लिया। जमकर नारेबाजी की। इस बीच शिक्षकों उत्पीड़न को लेकर नोंकझोक हुई। उनका कहना था कि बीएसए के इशारे पर शिक्षकों का उत्पीड़न कराया जा रहा है। विभाग द्वारा शिक्षकों के हित में होने वाले कार्यों को टाला जा रहा है। उन्होंने महिला शिक्षकों के उत्पीड़न का मुद्दा प्रमुखता से रखा। कहा कि बीएसए ने लूसी रानी, शालिनी कुच्छल और अनिल कुमार के खिलाफ एक पक्षीय कार्रवाई करते हुए निलंबन कर दिया। 72825 शिक्षकों के मूल प्रमाण पत्र और प्रशिक्षण अवधि का मानदेय नहीं दिया जा रहा है। शिक्षकों के सातवें वेतन के निर्धारण प्रपत्र पर हस्ताक्षर नहीं हुए हैं। उन्होंने शिक्षकों का निलंबन वापस करने, मूल प्रमाण पत्र दिलाने समेत सभी मांगें शीघ्र पूरी कराने की बात कही। करीब डेढ़ घंटे की नोंकझोक के बाद सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी जयपाल सिंह ने हस्तक्षेप किया और दोनों पक्षों की वार्ता कराई। शिक्षकों ने बीएसए का चार्ज किसी सक्षम अधिकारी को दिलाने की बात भी रखी। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष कैलाश बाबू, आनंद प्रकाश गुप्ता, शकुन्तला लोधी, दिलशाद वारसी, अब्दुल अलीम खां, महेन्द्र प्रताप सिंह, नरेश यादव, अमित शर्मा, रीता सक्सेना आदि मौजूद रहे।
उधर, उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने भी बीएसए से मुलाकात की और शिक्षकों की समस्याएं रखीं। उन्होंने कहा कि अब तक सातवें वेतन का निर्धारण नहीं किया गया है। आरडी घपले में लिप्त दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। 17140 वेतनमान का लाभ पाने वाले शिक्षकों को अवशेष का भुगतान नहीं किया गया है। नवनियुक्त शिक्षकों के सत्यापन में देरी की जा रही है।
उन्होंने सभी अवशेषों का भुगतान कराने, सातवें वेतन का निर्धारण कराने की मांग की है। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष डॉ. राजवीर सिंह, एमपी सिंह, मुस्तफा अली, रामबहादुर आदि उपस्थित रहे।बीएसए का घेराव करते शिक्षक ’ जागरण
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