स्वास्थ्य महकमा इस बार डेंगू को लेकर खासा अलर्ट है। अभी से इस बीमारी की रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक करने का काम शुरू कर दिया है। जिले के सभी स्कूलों में प्रार्थना के वक्त डेंगू के बारे में बच्चों को जानकारी दी जाएगी। इसके लिए सीएमओ ने बीएसए व एबीएसए को पत्र भेजा है।
मच्छरों की संख्या में तेजी से हो रही वृद्धि को देखते हुए स्वास्थ्य महकमा इस बार डेंगू के प्रकोप की प्रबल संभावना जता रहा है। इसी के मद्देनजर प्रकोप को रोकने के लिए तैयारी भी शुरू कर दी है। जागरूकता करने के साथ ही इसको लेकर चल रही भ्रांतियों को दूर करने, जांच व उपचार की जानकारी भी लोगों को दी जा रही है। एसीएमओ (मलेरिया) डा. अशोक कुमार ने बताया कि स्कूलों में भी बच्चों को जागरूक किया जाएगा।
डेंगू होने का कारण डेंगू मच्छर रुके हुए साफ पानी में भी पनपते हैं। इसलिए घरों के आसपास पानी को रुकने ना दें। कूलर, छत, गमले, पक्षियों व जानवरों के पीने के लिए जमा पानी को हर हफ्ते बदलें। ओवरहेड टैंकों के ढक्कन बंद रखें। कबाड़ में, नारियल के खोल, खाली टायरों में, प्लास्टिक या शीशे के कंटेनरों में या छतों में पानी एकत्र होने पर डेंगू मच्छर पनप सकता है।
मच्छरों में तेजी से हो रही वृद्धि के चलते स्वास्थ्य महकमा हुआ अलर्ट
सीएमओ ने बीएसए को भेजा पत्र, प्रार्थना पर किया जाएगा जागरूकडेंगू से बचाव के लिए शरीर, हाथ और पैरों को ढंकने वाले कपड़े पहने। शैक्षिक संस्थाओं, कार्यालयों में बचाव की विधि अपनाएं। मच्छर रोधी क्रीम, मच्छरदानी एवं मच्छर भगाने वाले रसायनों का इस्तेमाल करें। दिन में भी मच्छरदानी व मच्छर भगाने वाले रसायन का प्रयोग करें। 1क्या है इलाज : जिला अस्पताल में डेंगू की विशिष्ट जांच एलाइजा उपलब्ध है। वैसे इसका इलाज घर में ही हो सकता है। मरीज को पूरा आराम दें। हर छह घंटे में पैरासिटामोल दवा दें और बार-बार पानी व तरल चीजें पिलाएं। जी मिचलाने, उल्टी आने, पेट में दर्द, चक्कर आने, शरीर पर लाल चकत्ते पड़ने या शरीर के किसी अंग से रक्त स्राव होने पर तुरंत चिकित्सक को दिखाएं।
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