यदि सब कुछ शासनादेश के अनुसार हुआ, तो परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत लापरवाह शिक्षक अपने ही जाल में फंस जाएंगे। वजह, बेसिक शिक्षा विभाग अब शिक्षक-शिक्षिकाओं से ही अपना मूल्यांकन कराएगा। उनके द्वारा मूल्यांकन के बाद दिए गए अंकों की जिला स्तर पर क्रास जांच होगी, जिसके आधार पर गुरुजी का रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जाएगा। बेसिक शिक्षा सचिव ने स्वयं मूल्यांकन कराने के लिए बिजनौर समेत सूबे के सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कर दिए हैं।
तमाम प्रयास के बावजूद परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार नहीं हो रहा है। अधिकारियों की जांच में ही परिषदीय विद्यालयों की शिक्षा निम्न मिल रही है। निरीक्षण में कई शिक्षक भी विद्यालयों से बिना किसी सूचना के लंबे समय से गायब मिलते है। इस कारण परिषदीय स्कूलों में शिक्षा का स्तर गिर रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग ने गुणवत्ता बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाएं है। बेसिक विभाग अब परिषदीय विद्यालयों में पढ़ाने वाले शिक्षकों से ही स्वयं का मूल्यांकन करायेगा। शिक्षक मूल्यांकन के प्रपत्र में विद्यालय में शिक्षा गुणवत्ता, साफ-सफाई, अनुशासन आदि का स्वयं मूल्यांकन कर अपने आप को अंक देंगे।
एनपीआरसी व ब्लाक के माध्यम से मूल्यांकन प्रपत्र जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर जमा करायेंगे। उसके बाद जिला स्तर मूल्यांकन किया जाएगा। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी महेशचंद्र ने बताया कि मूल्यांकन रिपोर्ट के आधार पर अच्छा कार्य करने वाले शिक्षक पुरस्कृत होंगे और फेल होने वालों शिक्षकों को शिक्षा गुणवत्ता बढ़ाने की हिदायत दी जाएगी।
No comments:
Write comments