अमूमन हर शिक्षा सत्र की शुरुआत से ही बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में किताबों का रोना शुरू हो जाता है। पढ़ाई बाधित होती है। पिछले साल जब नवंबर तक यही होता रहा तो कर्नलगंज के प्राथमिक विद्यालय धौरहरा के प्रधानाध्यापक रवि प्रताप सिंह ने इस पर सिर पीटने के बजाय हल अनूठा हल निकाल लिया। हर ऐसा कि अब यहां हाईटेक क्लास चलती है।
दरअसल, रवि के प्रयास से स्कूल में कंप्यूटर व प्रोजेक्टर तो पहले से ही लगे हैं। पिछले नवंबर में समस्या आने के बाद उन्होंने कक्षा एक से पांच तक की सभी किताबों के पन्नों को स्कैन कर कंप्यूटर में सेव कर लिया। अब बच्चे लैपटाप और प्रोजेक्टर के जरिये इसी से पढ़ते हैं। दो लाख रुपये खर्च कर रवि ने विद्यालय में कंप्यूटर, डीवीडी व प्रोजेक्टर लगवाए हैं। यह पैसा वेतन का है। अब उन्होंने बेसिक शिक्षा परिषद के साथ ही एनसीईआरटी की किताबों को भी सेव करा लिया है। प्रधानाध्यापक के इस कार्य के बाद यहां पढ़ने वाले 250 छात्रों की सरकार पर से निर्भरता खत्म हो गई है लेकिन बिजली की दिक्कत होने से पढ़ाने में रुकावट आ रही थी। इसे देखते हुए विद्यालय में सोलर पैनल भी लगवा दिया गया। इस विद्यालय के प्रधानाध्यापक रवि प्रताप सिंह कहते हैं कि हमें पढ़ाने के लिए नियुक्त किया गया है लेकिन कई बार किताब के अभाव में बच्चे नहीं पढ़ पाते थे। जिसके बाद यह व्यवस्था की गई है। किताब की मारामारी नहीं रहेगी। इससे पढ़ने में बच्चों को भी आनंद आता है। वे असानी से सीख भी जाते हैं।
ऐसे शिक्षक पर हमें गर्व बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए)अजय कुमार सिंह कहते हैं कि मैं स्कूल गया था। वहां बच्चों की शैक्षिक स्थिति बहुत अच्छी है। हमें ऐसे अध्यापक पर गर्व है। जिले के दूसरे अध्यापकों को स्कूल में भेजकर उसी प्रकार से कार्य करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसे राज्य परियोजना कार्यालय को भी भेजा गया है।गोंडा के प्राथमिक विद्यालय धौरहरा में इंट्रेक्टिव क्लासरूम में पढ़ते बच्चे ’ जागरण
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