अलीगढ़ सत्येन्द्र कुलश्रेष्ठजिले की अतरौली तहसील का देशभर में नाम है। खासतौर से राजनीति के क्षेत्र में इस जमीं से कई हस्तियां निकल चुकी हैं। हाल ही में योगी सरकार में शिक्षा राज्यमंत्री बनाए गए संदीप सिंह भी इसी क्षेत्र से हैं। वहीं एक कड़वी हकीकत यह भी है कि शिक्षा वाले अहम विभाग के संभालने वाले मंत्री के चुनाव क्षेत्र में अनपढ़ों की संख्या सबसे अधिक है। लोक शिक्षा केन्द्र की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है तो अब इन निरक्षरों को प्रेरकों द्वारा लिखा-पढ़ाकर साक्षर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। केन्द्र व प्रदेश सरकार की संयुक्त योजना साक्षर भारत मिशन-2012 के अर्न्तगत जिलेभर में करीब 853 लोक शिक्षा केन्द्र हैं। जिले के 12 ब्लॉकों में चलने वाले लोक शिक्षा केन्द्रों ऐसे निरक्षरों (अनपढ़ों) को साक्षर बनाया जाता है। जिनकी उम्र 15 वर्ष से ऊपर हो। विभाग की ओर से जारी की रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल-2016 से फरवरी-2017 तक जिले के सभी लोक शिक्षा केन्द्रों पर कुल 15 हजार 182 निरक्षरों का पंजीकरण किया गया। इसमें अतरौली तहसील में निरक्षरों की संख्या 2,522 सबसे अधिक है। जिसमें 1753 महिलाएं और 769 पुरूष निरक्षर हैं। इन निरक्षरों को अतरौली में चलने वाले 648 लोक शिक्षा केन्द्रों पर तैनात 158 प्रेरकों द्वारा पढ़ा-लिखाकर काबिल बनाया जा रहा है। वहीं सबसे अधिक निरक्षरों के मामले में दूसरे नंबर पर बिजौली ब्लॉक है। यहां कुल पंजीकृत निरक्षरों की संख्या 2500 है। सबसे कम 435 निरक्षर चंडौल ब्लॉक में पंजीकृत हैं।30 अप्रैल को होगी परीक्षा: जिलेभर में पंजीकृत निरक्षरों को साक्षर बनाने के लिए 30 अप्रैल को परीक्षा होनी है। प्रत्येक लोकशिक्षा केन्द्र पर परीक्षा में बैठने वाले निरक्षर उत्तीर्ण होकर साक्षर कहलाएंगे।साक्षरता मिशन के अर्न्तगत प्रयास रहता है कि अधिक से अधिक निरक्षरों का पंजीकरण कराकर उन्हे साक्षर बनाया जाए। जिल के हिसाब से अतरौली में सबसे अधिक निरक्षर हैं। अब उन्हें पढ़ना-लिखना सिखाया जा रहा है।नीलम शर्मा, जिला साक्षरता अधिकारी
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