बभनान बस्ती: गौर ब्लाक क्षेत्र में आंगनबाड़ी केंद्रों पर चलाई जा रही हाटकुक्ड योजना कागज में ही चल रही है। हकीकत यह है कि अधिकांश केंद्रों पर दो माह से चूल्हे ठंडे हैं। ब्लाक क्षेत्र में 221 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इन केंद्रों में 3 से 6 वर्ष तक बच्चों को स्कूल पूर्व की शिक्षा देने का सरकार का निर्देश है। इन केंद्रों पर आने वाले बच्चों को गरम व ताजा भोजन देने का निर्देश है। पंजीकृत बच्चों को मीनू के अनुसार भोजन उपलब्ध कराने का निर्देश है। जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते यह योजना ध्वस्त हो गई है। हालत यह है कि ब्लाक क्षेत्र के अधिकांश केंद्रों पर भोजन नहीं बन रहा है। भोजन के अलावा बच्चों को पुष्टाहार उपलब्ध कराने का भी निर्देश है। यह पुष्टाहार बच्चों में न वितरित कर पशुपालकों को बेच दिया जाता है। अधिकांश आंगनबाड़ी कर्मचारी भोजन न बनने का कारण विभाग से इस मद में बजट उपलब्ध होने का कारण बताते हैं। सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर समय से खाते में पैसा न आने का जिम्मेदार कौन है, क्या जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते सरकार की यह महात्वाकांक्षी योजना सिर्फ कागजों में ही चल रही है। सीडीपीओ सुषमा गांधी का कहना है कि दो माह से खाते में धन नहीं आया जिसके चलते केंद्रों पर चूल्हे नहीं जल रहे हैं।
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