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Wednesday, April 19, 2017

गोरखपुर : कागज में सत्र शुरू, स्कूल में सन्नाटा, स्कूल चलो अभियान से है उम्मीद


बच्चों को विद्यालय लाने के लिए प्रदेश सरकार ने स्कूल चलो अभियान चलाने का पहले से निर्देश दे रखा है। हर साल शैक्षिक सत्र के शुरुआती महीनों में यह अभियान चलाया भी जाता है। इस साल कुछ विद्यालयों ने इस अभियान की शुरुआत कर दी है, बाकी विद्यालयों में भी जल्दी ही अभियान शुरू हो जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग को उम्मीद है कि इस अभियान के बाद विद्यालयों में बच्चों की संख्या जरूरी बढ़ेगी।
परिषदीय विद्यालयों का हाल

जागरण संवाददाता, गोरखपुर: कहने को तो परिषदीय विद्यालयों में एक अप्रैल से नया शैक्षिक सत्र (वर्ष 2017-18) शुरू हो गया, लेकिन पढ़ाई शायद ही कहीं हो रही हो। करीब-करीब सभी विद्यालयों में सन्नाटा पसरा रह रहा है। पढ़ने की बात कौन कहे, नई कक्षा में नाम लिखवाने के लिए भी बच्चे विद्यालय नहीं आ रहे हैं। बच्चों को विद्यालय आने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से शिक्षकों द्वारा चलाए जाने वाले संपर्क अभियान का भी कोई असर नहीं दिख रहा है।

परिषदीय विद्यालयों में शैक्षिक सत्र की शुरुआत पहले जुलाई में होती थी लेकिन कान्वेंट विद्यालयों का मुकाबला करने के लिए दो साल पहले परिषदीय विद्यालयों में शैक्षिक सत्र की शुरुआत अप्रैल में ही करने का फैसला लिया गया। इस साल नया शैक्षिक सत्र शुरू होने पर शिक्षकों को उम्मीद थी कि परीक्षाफल घोषित होने के बाद अगली कक्षा में प्रवेश पाने वाले छात्र विद्यालय आना शुरू कर देंगे, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है। स्थिति यह है कि कुछ गिने-चुने विद्यालयों को छोड़ दें तो बाकी विद्यालयों में छात्रों का पता ही नहीं चल पा रहा है।

नामांकन भी हुए कम : एक तरफ कान्वेंट विद्यालयों में प्रवेश पाने के लिए लाइन लगी हुई है तो दूसरी तरफ परिषदीय विद्यालयों में एक कक्षा से पास होकर दूसरी कक्षा में जाने वाले छात्र भी एडमिशन कराने नहीं आ रहे हैं। परिषदीय विद्यालयों में पठन-पाठन की स्थिति देखते हुए अभिभावकों की पहली पसंद कान्वेंट विद्यालय ही हैं। हालांकि कान्वेंट स्कूल के संचालक अभिभावकों की मजबूरी का फायदा भी खूब उठा रहे हैं। कापी-किताब, ड्रेस और कई कई अन्य मदों में अभिभावकों से खुलेआम वसूली चल रही है लेकिन बच्चे का भविष्य देखते हुए लोग चुप्पी साधे हुए हैं। विद्यालय में नहीं के बराबर है बच्चों की उपस्थिति

बेअसर साबित हो रहा है शिक्षकों का संपर्क अभियानविद्यालयों में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए ब्लाक स्तर पर प्रधानाध्यापकों के साथ लगातार मीटिंग कर दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं। शिक्षकों को अभिभावकों से व्यक्तिगत रूप से मिलकर बच्चों को विद्यालय भेजने के लिए समझाने तथा स्कूल चलो अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। उम्मीद है कि इससे विद्यालयों में छात्रों की संख्या में इजाफा होगा।ओम प्रकाश यादव, बेसिक शिक्षा अधिकारी

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