संवाद सूत्र, ऊंचागांव : परिषदीय जूनियर हाई स्कूलों में पढ़ने के लिये आने वाले बच्चों को विज्ञान की प्रयोगात्मक शिक्षा प्रदान करने हेतु विभाग ने विज्ञान किट खरीदने के लिये धनराशि आवंटित की थी। किट खरीद करने की जिम्मेदारी शिक्षकों से छीनकर खंड शिक्षा अधिकारी ने खुद कराई। सरकार गरीब बच्चों को शिक्षित करने के लिये सर्व शिक्षा अभियान के माध्यम से मिड-डे-मील, ड्रेस, बेग, और किताब मुक्त प्रदान कर रही है। जिससे कि कोई भी गरीब बच्चा सुविधाओं के अभाव में अशिक्षित न रह सके। लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी गरीब बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओं पर भी और बंदरबांट कर सरकार के अभियान को पलीता लगाते चले आ रहे हैं।
बीते गत शिक्षण सत्र में क्षेत्र के 47 पूर्व माध्यमिक स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे लगभग तीन हजार बच्चों को विज्ञान की प्रयोगात्मक शिक्षा के लिये प्रति स्कूल आठ हजार रूपये प्रति एक किट की धनराशि आवंटित की गई थी। जिसमें दर्जनों स्कूलों में आज तक विज्ञान किट नही खरीदी गई है और किट की धनराशि को निकाल कर शिक्षक डकार गये है। और बाकी स्कूलों में विज्ञान किट का वितरण करने और भुगतान लेने का जिम्मा खुद ही खंड शिक्षा अधिकारी ने ले लिया है। एक शिक्षक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि खंड शिक्षा अधिकारी ने स्कूलों से आठ हजार रूपये की धन राशि के हस्ताक्षर कराकर खाली चेक छह माह पूर्व ले लिये थे। चेक भुगतान करने में ठेकेदार और अधिकारी के बीच पर बात नही बनी और चेक की तिथि निकल गई जिसके कारण चेक स्कूलों वापस कर दिये गये। भ्रष्टाचार होने की असलियत वापिस किये गये चेक बयां कर रहे हैं। जो छह माह पूर्व दिये गये खाली चेकों की तिथि निकल जाने के बाद खंड शिक्षा अधिकारी ने उन्हें वापस कर दिया है और अब उनके बदले तिथि बदलकर दूसरे चेक देने के आदेश दे दिये है। शिक्षकों ने बताया कि जो विज्ञान किट उन्हे दी गई उसमें किट सूची के अनुसार विज्ञान सामग्री उपलब्ध नही है।
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