आरटीई एक्टिविस्ट समीना बानो ने बताया कि सिर्फ एक सीएमएस के कारण ही यह समस्याएं आ रही हैं। पिछली बार भी नवयुग रेडियंस समेत ज्यादातर ने दाखिले ले लिए थे। सीएमएस के इनकार करने के कारण इन स्कूलों ने दाखिले लेने से मना कर दिया। ऐसे में इस बार भी अगर विभाग सीएमएस में प्रवेश कराने में कामयाब हो जाता है तो अन्य स्कूल भी स्वत: दाखिले ले लेंगे।
बीएसए ने बताया कि पछली बार प्रवेश के अनुमोदन में देर हो गई थी इसलिए दाखिले नहीं हो पाए थे। इस बार समय से ही स्कूलों को सूचित कर दिया जाएगा। लॉटरी भी समय से हो गई है। ऐसे में स्कूल को दाखिले लेने ही पड़ेंगे। अगर स्कूल इसमें कोई आनाकानी करेगा तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
पिछली बार नहीं लिए एडमिशन, इस बार 3 गुना आवेदन
राइट टु एजुकेशन के तहत होने वाले दाखिलों की पहली लॉटरी में राजधानी से 2670 बच्चों को स्कूल अलॉट कर दिया गया है। इसमें 250 बच्चों को ऐसे स्कूल अलॉट हुए हैं जिन्होंने पिछली बार आरटीई के दाखिले लिए ही नहीं थे। इसमें सिटी मॉन्टेसरी स्कूल, एग्जॉन मॉन्टेसरी स्कूल, नवयुग रेडियंस, सिटी इंटरनैशनल और डीपीएस का नाम शामिल है।
बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण मणि त्रिपाठी ने बताया कि पिछली बार सीएमएस में 54 बच्चे अलॉट हुए थे जबकि इस बार 173 बच्चों को जगह मिली है। तीन लॉटरी अभी बाकी है। सिटी इंटरनैशनल में पिछली बार 12 बच्चे हैं जबकि इस बार 11 थे, एग्जॉन मॉन्टेसरी में इस बार 35 बच्चे अलॉट हुए हैं जबकि पिछली बार इसकी संख्या 14 थी। नवयुग रेडियंस में इस बार 16 बच्चे अलॉट हुए हैं, पिछली बार 25 थे। डीपीएस जानकीपुरम को इस बार 3 बच्चे अलॉट हैं, पिछली बार 2 ही थे।
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