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Friday, May 19, 2017

10,500 शिक्षकों का वेतन रुका : लेखाधिकारी और बीईओ की लापरवाही शिक्षकों पर पड़ी भारी समय से वेतन न मिलने पर संघ ने जताई नाराजगी

बाराबंकीः खंड शिक्षा अधिकारी और लेखाधिकारी की लापरवाही से बेसिक शिक्षा विभाग के साढ़े दस हजार शिक्षकों का वेतन 18 तारीख बीतने के बावजूद अब तक नहीं मिल सका है। इस संबंध में लेखा विभाग का कहना है कि वेतन देरी की मुख्य वजह नए सॉफ्टवेयर का देरी से मिलना और ब्लॉक कार्यालय से शिक्षकों की सर्विस बुक समय से उपलब्ध नहीं होना है। इस कारण शिक्षकों की डिटेल कंप्यूटर में फीड नहीं हो सकी है। 



दरअसल सातवें वेतन आयोग के अनुसार जनवरी 2017 से सातवें वेतनमान के अनुरुप भुगतान किया जाना था, लेकिन सॉफ्टवेयर के अप्रैल में आने के बाद मई से सातवें वेतन आयोग के अनुरूप वेतन देने का निर्णय विभाग की ओर से किया गया। नए वेतनमान के लिए 15 ब्लॉकों के खंड शिक्षा अधिकारियों को सभी शिक्षकों की सर्विस बुक लेखा विभाग को उपलब्ध करानी थी। हरख ब्लॉक को छोड़कर अन्य किसी ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी ने सर्विस बुक अब तक उपलब्ध नहीं करवाई है। मसौली ब्लॉक ने तो नए वेतनमान के अनुसार डेटा ही अब तक लेखा कार्यालय को उपलब्ध ही नहीं करवाया है। बनीकोडर, निंदूरा, सिरौली गौसपुर, बंकी व हैदरगढ़ ने तो दो दिन पहले ही डेटा भेजा।



प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष विजय कुमार सिंह ने आरोप लगाया कि शिक्षकों के पांच मिनट देरी से आने पर कार्रवाई करने वाला विभाग उन्हें समय से वेतन ही नहीं दे पा रहा है। यह सब ब्लॉक स्तर पर खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में मनमानी के चलते हो रहा है। उनके अनुसार हर माह का वेतन हर हालत में एक तारीख को दिए जाने के निर्देश है, पर इसका अनुपालन न तो लेखा विभाग कर रहा है और न ही ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय कर रहे हैं। इधर, वित्त एवं लेखाधिकारी मधु शर्मा का कहना है कि छह ब्लॉकों के शिक्षकों की डाटा एंट्री शेष है। इस वजह से वेतन देने में देरी हो रही है। 





वेतन में देरी के लिए वित्त एवं लेखाधिकारी हैं दोषी
बीएसए पीएन सिंह ने बताया कि बाराबंकी में गलत परंपरा चली आ रही है। यहां पर वित्त एंव लेखाधिकारी कार्यालय के बजाए वेतनमान निर्धारण व हर माह का वेतन बिल ब्लॉक के खंड शिक्षाधिकारी कार्यालय से बनवाया जा रहा है। वर्ष 2012 से वित्त एंव लेखाधिकारी कार्यालय को ही यह जिम्मेदारी निभाने के आदेश हैं। इस बार भी स्टाफ न होने की बात कहकर लेखाधिकारी ने मदद मांगी थी। वह की जा रही है। वेतन विलंब के लिए सीधे तौर पर वित्त एवं लेखाधिकारी जिम्मेदार हैं। 




वेतन के लिए पैन अनिवार्य हुआ 
बेसिक शिक्षा विभाग के नए सॉफ्टवेयर में बिना पैन वाले शिक्षक के डेटा को फीड करने का प्रावधान ही नहीं है। ऐसे में इस बार अप्रैल का जो वेतन जारी होगा भी उसमें करीब आठ सौ शिक्षकों का वेतन फंस जाएगा। बंकी ब्लॉक के अब तक फीड डाटा में बंकी ब्लॉक के 70, निंदूरा ब्लॉक के 87 सहित करीब आठ सौ शिक्षकों का पैन नंबर ही विभाग के पास मौजूद नहीं है। ऐसे में इन शिक्षकों के वेतन जारी नहीं होंगे। 




"20 करोड़ हो तो मिले बोनस व डीए 
बेसिक शिक्षा विभाग के पास ग्रांट न होने से शिक्षकों का बीते वित्तीय वर्ष 2016-17 के बोनस व डीए के भुगतान फंस गए है। मोटे अनुमान के अनुसार विभाग को बोनस व डीए के लिए करीब 20 करोड़ रुपये की जरूरत है।

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