लखनऊ : सूबे में योगी सरकार बनते ही शिक्षा व्यवस्था में सुधार के बड़े-बड़े दावे किए गए थे। निष्ठा और ईमानदारी के साथ काम करने की नसीहत भी दी गई। मगर इन सब के बावजूद शिक्षा विभाग के हाल जस के तस हैं। बात हो रही है बेसिक शिक्षा विभाग की। जहां दुर्बल आय वर्ग के बच्चों के लिए आरटीई के तहत दी जाने वाली शिक्षा में जमकर खिलवाड़ किया गया। आरटीई के तहत बच्चे को एक किमी के दायरे में आने वाले स्कूल एलॉट किए जाने थे। मगर विभाग द्वारा आठ से 10 किलोमीटर दूर स्थित स्कूल भी एलॉट कर दिए गए। जिसका खामियाजा अभिभावकों को उठाना पड़ रहा। गरीब बच्चों की शिक्षा के प्रति विभाग की लापरवाही यहीं तक सीमित नहीं रही। विभाग द्वारा बच्चों को ऐसे स्कूल भी एलॉट कर दिए गए जो वास्तव में हैं ही नहीं।
सोमवार को बेसिक शिक्षा विभाग के चक्कर काट रहे अभिभावक कुछ इसी पीड़ा से जूझते दिखाई दिए। विभाग द्वारा बच्चे को डीआरएस स्कूल स्नेहनगर में दाखिले के लिए भेज दिया गया। जबकि अभिभावक ने इस नाम से स्कूल न होने की शिकायत की है। अभिभावक मंजेश चौरसिया का कहना है कि लाटरी द्वारा एलपीएस स्कूल एलॉट हुआ है। यह स्कूल घर से दो किलोमीटर दूर है। जबकि विभाग एक किमी के अंदर स्कूल के होने की बात कही जा रही है। अभिभावक लईक का कहना है कि वह सीतापुर रोड निवासी हैं। जबकि बच्चे को चिनहट स्थित स्कूल भेजा जा रहा है। शबाना परवीन ने बताया कि वह दुबग्गा की रहने वाली हैं, मगर स्कूल बांसमडी में मिला है।
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