गोरखपुर में क्षेत्रीय कार्यालय का प्रस्ताव शासन में पेंडिंग है। शासन का रुख सकारात्मक है। इसलिए शासनादेश जारी होते ही कार्यालय काम करने लगेगा। इसके लिए बोर्ड स्तर पर पूरी तैयारियां कर ली गई हैं। उम्मीद है कि इसी सत्र से यह काम करने लगेगा।- शैल यादव, सचिव, यूपी बोर्ड
2001 में बना था प्रस्ताव : यूपी बोर्ड के चार क्षेत्रीय कार्यालयों की स्थापना मेरठ (1973), वाराणसी (1978), बरेली (1981) और इलाहाबाद (1987) में की गई। इसके बाद से बोर्ड ने किसी क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना नहीं की। बोर्ड के पांचवें क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना गोरखपुर में करने के लिए प्रस्ताव 2001 में तैयार किया गया। राज्य में बीजेपी सरकार बनने और योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के बाद इस प्रस्ताव पर सकारात्मक पहल शुरू हो गई।
अब तक वाराणसी से होता है काम : बोर्ड की ओर से भेजे गए प्रस्ताव के अनुसार देवीपाटन मंडल के 4, गोरखपुर मंडल के 4 और बस्ती मंडल के 3 जिलों को इस कार्यालय में शामिल किया जाएगा। फिलहाल सभी जिले वाराणसी कार्यालय के अन्तर्गत आते हैं। नया कार्यालय बनने के बाद संबंधित जिलों के 1985 के बाद के सभी रेकॉर्ड गोरखपुर क्षेत्रीय कार्यालय भेज दिए जाएंगे। बोर्ड ने क्षेत्रीय कार्यालय के संचालन की पूरी तैयारी भी कर ली है। शासनादेश जारी होने के बाद गोरखपुर डायट परिसर में ही नया कार्यालय काम करेगा और डायट के प्राचार्य को ही नए क्षेत्रीय सचिव की नियुक्ति तक क्षेत्रीय सचिव का काम देखने को कहा जाएगा। बाद में इसी परिसर में क्षेत्रीय कार्यालय की बिल्डिंग बनेगी। क्षेत्रीय कार्यालय के लिए वाराणसी समेत अन्य क्षेत्रीय कार्यालयों और मुख्यालय से कर्मचारी भेजे जाएंगे।
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