जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : कक्षा एक से आठ तक के 411 सरकारी स्कूलों में अभी भी मिड-डे-मील (एमडीएम) पकाने के लिए गैस कनेक्शन नहीं हैं। वहीं 500 के करीब ऐसे स्कूल हैं जहां गैस कनेक्शन होने के बावजूद खाना चूल्हे पर पकता है क्योंकि इन स्कूलों में छात्र संख्या इतनी ज्यादा है कि दो गैस सिलेंडर कम पड़ जाते हैं। यानी लगभग 1000 स्कूलों में चूल्हे पर खाना पकाया जा रहा है। 1जिले में मिड-डे-मील वितरण वाले कुल 2644 सरकारी स्कूल हैं। इनमें से 2233 में गैस कनेक्शन हैं। चूल्हे पर खाना पकाकर बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। साथ ही वातावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है। 1शासन के आदेश ताक पर : प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में चूल्हे पर लकड़ी या गोबर के उपले जलाकर एमडीएम पकाने पर रोक है। मध्याह्न् भोजन प्राधिकरण ने भी बच्चों के स्वास्थ्य के मद्देनजर चूल्हे पर खाना न पकाने के निर्देश दिए हैं। मगर गैस कनेक्शन न होने के चलते नियमों की धज्जियां उड़ रही हैं। 1कम सिलेंडरों पर चोरी की मार : एक तो सभी स्कूलों में गैस कनेक्शन नहीं हैं। जहां हैं भी वहां चोरी हो रहे हैं। पिछले एक साल में चोरी की करीब 12 से 14 बड़ी घटनाएं हुई हैं। इनमें लगभग 18 से 20 सिलेंडर भी चोरी हुए। रिपोर्ट दर्ज हुईं मगर अभी तक पुलिस कोई सुराग नहीं लगा सकी है। 1बच्चों का स्वास्थ्य खराब : फिजीशियन नितिन गुप्ता ने बताया कि लकड़ी के धुएं से बच्चों के फेफड़ों का विकास रुकता है। इसके अलावा बच्चों को खांसी, सिरदर्द के अलावा आंखों में जलन की शिकायतें भी आती हैं। साथ ही गले में जलन से भी बच्चे पीड़ित होते हैं। धुएं के बारीक कण शरीर में प्रवेश करके दिल के दौरे और स्ट्रोक का कारण भी बन सकते हैं।11शासन से बजट की मांग की गई है। प्रयास है कि जल्द से जल्द चूल्हा प्रथा खत्म हो। ये शासन स्तर की नीतियां हैं, जैसे-जैसे राशि मिलती जाती है कनेक्शन मिलते रहते हैं। 1धीरेंद्र कुमार, बीएसए
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