महराजगंज : यूं तो भ्रष्टाचार के मामले को लेकर चर्चा में रहने वाला बेसिक शिक्षा विभाग एक बार फिर सुर्खियों में आ गया। नियुक्ति, समायोजन व स्थानांतरण में फर्जीवाड़ा की गूंज शासन के गलियारे में उठने के बाद से ही तराई का तापमान गरम हो गया है। अपर शिक्षा निदेशक के निर्देश पर बेसिक शिक्षा कार्यालय महराजगंज में जांच के लिए एडी बेसिक डा. सत्य प्रकाश त्रिपाठी के पहुंचते ही हड़कंप की स्थिति रही। करीब आठ घंटे तक फाइलों को खंगाला गया। इस दरम्यान इससे जुड़े चंद लोग जहां अपनी गर्दन फंसने की डर से सहमें रहें, वहीं कई अधिकारी भी सकते में रहे। दरअसल सहायता प्राप्त विद्यालयों व 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती समेत अन्य भर्तियों में फर्जी ढंग से कुछ शिक्षकों की भर्ती किए जाने की शिकायत शासन के संज्ञान में आया है। और तो और जिलाधिकारी वीरेंद्र कुमार सिंह द्वारा पूर्व में कराए गए जांच में करीब सवा सौ शिक्षकों की नियुक्ति में अनियमितता भी पाई गई थी। जिसकी रिपार्ट शासन को भेजी गई है। पूरे प्रकरण को शासन ने गंभीरता से संज्ञान लिया। जिसके क्रम में अपर निदेशक बेसिक शिक्षा ने एडी बेसिक को जांच की जिम्मेदारी सौंपी। 1 अपने कार्यालय के तीन कर्मचारियों के साथ एडी बेसिक डा. सत्य प्रकाश त्रिपाठी सुबह 10.30 बजे बेसिक शिक्षा विभाग कार्यालय महराजगंज पहुंचे। बीएसए के कक्ष में बैठकर सहायता प्राप्त विद्यालयों में नियुक्ति, प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती समेत अन्य भर्तियों के अभिलेखों को करीब आठ घंटे तक खंगाला गया। जबकि साथ में आए तीन कर्मचारियों ने कार्यालय में बैठकर पत्रवलियों की जांच की। इस दौरान खंड शिक्षा अधिकारी विजय आनंद, हेमवंत कुमार, सतोष शुक्ल, कुलदीप नारायण सिंह, छनमन गौड़ आदि बीइओ उपस्थित रहे।
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