मथुरा हिन्दुस्तान संवाद : शिक्षकों की शिकायत पर थानाध्यक्ष को पत्र लिखा है। एसडीएम से भी बात हुई हैं। एबीएसए को जांच सौंपी है। जांच अधिकारी ने जांच के बाद बताया है कि गांव में पूछताछ में ऐसी कोई बात सामने नहीं आई है। शौकीन सिंह यादव, बीएसए
एक सरकारी स्कूल के शिक्षकों ने गुंडों के डर से स्कूल पर ताला जड़ दिया है। वे अप्रैल से स्कूल की जगह बीएसए कार्यालय में आकर तबादला मांग रहे हैं। इनकी यह मांग तैनाती वाले गांव के कुछ लोगों के कारण है। गांव के कुछ गुंडे शिक्षकों से चौथ मांग रहे हैं। न देने पर इनके साथ मारपीट की जा रही है। विकास खंड चौमुहां के प्राथमिक स्कूल बरहरा के शिक्षक गुंडों के डर से स्कूल न जाने पर मजबूर हैं। गुंडों ने चौथ की पहली घटना को अंजाम 2012 में दिया था। अगस्त में प्रधानाध्यापक कृष्णमुरारी यादव से चौथ मांगी गई थी। न देने पर मारपीट की गई। प्रधानाध्यापक ने अज्ञातों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई, लेकिन गुंडों ने गवाही देने पर बच्चों के अपहरण की धमकी दी। इससे प्रधानाध्यापक ने कदम पीछे खींच लिए। इसके बाद उन्होंने यहां से ट्रांसफर ले लिया। तब से यह स्कूल सिर्फ एक शिक्षामित्र के हवाले रह गया। अगस्त 2013 में इस स्कूल में योगराज सिंह और माधुरी देवी की तैनाती हुई। गुंडों ने माधुरी देवी के साथ बदतमीजी की। मारपीट भी की। मई 2015 में रामचरन, जुलाई 2015 में उमेश कुमार प्रधानाध्यापक बनाकर भेजे गए। 2016 में गुंडों के भय से माधुरी देवी ने सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद के स्तर से स्थानांतरण करा लिया। इसके बाद भी यहां से गुंडों का आतंक खत्म नहीं हुआ। 27 अप्रैल 2017 को शिक्षकों के साथ मारपीट की घटना को अंजाम दिया जाना था, लेकिन स्कूल के रास्ते में शिक्षकों को खबर हो गई। वे वापस लौट लिए और फिर इसके बाद स्कूल जाने की हिम्मत नहीं जुटा सके। जूनियर हाईस्कूल के शिक्षक महेंद्र सिंह, पवन कुमार, उमेश कुमार, योगराज सिंह व रामचरन ने बीएसए को शिकायती पत्र दिया। आरोप लगाया है कि कुछ गुंडों द्वारा 50-50 हजार रुपये की चौथ मांगी जा रही है।
एक सरकारी स्कूल के शिक्षकों ने गुंडों के डर से स्कूल पर ताला जड़ दिया है। वे अप्रैल से स्कूल की जगह बीएसए कार्यालय में आकर तबादला मांग रहे हैं। इनकी यह मांग तैनाती वाले गांव के कुछ लोगों के कारण है। गांव के कुछ गुंडे शिक्षकों से चौथ मांग रहे हैं। न देने पर इनके साथ मारपीट की जा रही है। विकास खंड चौमुहां के प्राथमिक स्कूल बरहरा के शिक्षक गुंडों के डर से स्कूल न जाने पर मजबूर हैं। गुंडों ने चौथ की पहली घटना को अंजाम 2012 में दिया था। अगस्त में प्रधानाध्यापक कृष्णमुरारी यादव से चौथ मांगी गई थी। न देने पर मारपीट की गई। प्रधानाध्यापक ने अज्ञातों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई, लेकिन गुंडों ने गवाही देने पर बच्चों के अपहरण की धमकी दी। इससे प्रधानाध्यापक ने कदम पीछे खींच लिए। इसके बाद उन्होंने यहां से ट्रांसफर ले लिया। तब से यह स्कूल सिर्फ एक शिक्षामित्र के हवाले रह गया। अगस्त 2013 में इस स्कूल में योगराज सिंह और माधुरी देवी की तैनाती हुई। गुंडों ने माधुरी देवी के साथ बदतमीजी की। मारपीट भी की। मई 2015 में रामचरन, जुलाई 2015 में उमेश कुमार प्रधानाध्यापक बनाकर भेजे गए। 2016 में गुंडों के भय से माधुरी देवी ने सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद के स्तर से स्थानांतरण करा लिया। इसके बाद भी यहां से गुंडों का आतंक खत्म नहीं हुआ। 27 अप्रैल 2017 को शिक्षकों के साथ मारपीट की घटना को अंजाम दिया जाना था, लेकिन स्कूल के रास्ते में शिक्षकों को खबर हो गई। वे वापस लौट लिए और फिर इसके बाद स्कूल जाने की हिम्मत नहीं जुटा सके। जूनियर हाईस्कूल के शिक्षक महेंद्र सिंह, पवन कुमार, उमेश कुमार, योगराज सिंह व रामचरन ने बीएसए को शिकायती पत्र दिया। आरोप लगाया है कि कुछ गुंडों द्वारा 50-50 हजार रुपये की चौथ मांगी जा रही है।
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