खंड शिक्षा अधिकारी स्कंद गुप्ता ने बताया कि इस संबंध में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रलय की भी स्पष्ट गाइड लाइन है। इसमें अल्पसंख्यक विद्यालयों पर भी आरटीई का नियम प्रभावी होने की बात कहीं गई है। नगर के कई विद्यालय अल्पसंख्यक के नाम पर आरटीई का अनुपालन नहीं कर रहे हैं। ऐसे विद्यालयों को भी चिह्नित किया जा रहा है।
खलबली
बेसिक शिक्षा विभाग ने दिए कई संस्थाओं को नोटिस
जागरण संवाददाता, वाराणसी : सीबीएसई व आइसीएसई से संचालित विद्यालयों को अब दोहरी मान्यता लेनी होगी। इन विद्यालयों को कक्षा एक से आठ तक की मान्यता बेसिक शिक्षा परिषद से लेना अनिवार्य कर दिया गया है। मान्यता न होने की स्थिति में संबंधित विद्यालयों पर कार्रवाई की जाएगी।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जयकरन यादव के निर्देश पर खंड शिक्षा अधिकारी स्कंद गुप्ता व बृजेश राय ने दोनों केंद्रीय शिक्षा परिषदों से जुड़े विद्यालयों की पड़ताल शुरू कर दी है। उन्होंने नगर में सीबीएसई व आइसीएसई से संचालित 50 ऐसे विद्यालयों को चिह्नित किया है जो अब तक बेसिक शिक्षा परिषद से आठ तक की मान्यता नहीं लिए हैं। ऐसे कई नामचीन विद्यालयों को नोटिस भेजी जा रही है। नोटिस का सप्ताह भर में स्पष्टीकरण मांगा गया है। साथ ही तय अवधि में जवाब न देने पर विधिक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
एनओसी से चल रहे विद्यालय
जनपद में तमाम विद्यालय अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) लेकर जूनियर कक्षाएं संचालित कर रहे हैं। खंड शिक्षा अधिकारियों के मुताबिक अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम में जूनियर कक्षाओं की मान्यता राज्य सरकार से लेने का प्रावधान है।’सप्ताहभर में जवाब न देने पर विधिक कार्रवाई की चेतावनी
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