रामपुर : बेसिक शिक्षा विभाग ने सातवे वेतन आयोग के हिसाब से किए गए डाटा फीडिंग में जल्दबाजी की है। लेखा कार्यालय द्वारा शिक्षकों के गलत कोड डाल दिए गए, जिसके कारण एनआईसी के सॉफ्टवेयर में शिक्षकों का वेतन फंसा है। जनपद के साढ़े पांच हजार प्राइमरी शिक्षकों को अप्रैल माह का वेतन नहीं मिल सका है। इसके कारण शिक्षक परेशान हैं। दरअसल शिक्षकों को अपैल का वेतन सातवे वेतन आयोग के हिसाब से दिया जाना है। इसकी तैयारी की जा रही थी। वेतन जारी किए जाने को डाटा एनआईसी के सॉफ्टवेयर पर डाल दिया गया, लेकिन विभाग का कहना है कि डाटा एनआईसी के सॉफ्टवेयर में फंस गया है। इस संबंध में एनआईसी ने भी विभाग की कमियों को उजागर किया है। लेखा कार्यालय ने डाटा फीडिंग में जल्दबाजी की है। करीब सौ शिक्षिकों का गलत डाटा फीड कर दिया गया, जिसे सॉफ्टवेयर स्वीकार नहीं कर रहा है। कुछ शिक्षकों का डाटा ठीक कर दिया गया था, लेकिन 51 शिक्षकों का डाटा अब भी गलत है। जब तक उनका डाटा ठीक नहीं किया जाता, तब तक सॉफ्टवेयर स्वीकार नहीं करेगा।
एनआईसी ने मांगी शिक्षकों की सर्विस बुक :
शिक्षकों का डाटा ठीक करने को एनआईसी ने सर्विस बुक मांगी हैं। विभाग ने जो डाटा फीड किया है, उसका मिलान सर्विस बुकों से किया जाएगा। जब तक डाटा ठीक नहीं किया जाता, तब तक वेतन जारी नहीं हो सकेगा।
एनआईसी के सॉफ्टवेयर में कोई दिक्कत नहीं है। विभाग ने ही शिक्षकों के डाटा फीडिंग में गड़बड़ की है। कुछ शिक्षकों का डाटा सुधार किया गया और 51 शिक्षकों का डाटा अब भी ठीक नहीं है।
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