हाथरस : बेसिक और माध्यमिक विद्यालयों में बच्चों को सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में जागरूक करने वाले शिक्षकों के कार्यों का मूल्यांकन होगा। इस क्षेत्र में बच्चों को बेहतर शिक्षा और योजनाओं का सही तरह से क्रियान्वयन कराने वाले शिक्षकों की जानकारी केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान ने मांगे हैं। जो सर्वश्रेष्ठ शिक्षक होंगे उन्हें भविष्य में पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाएगा। बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों में बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके और योजनाओं का सही तरह से क्रियान्वयन हो, इसके लिए शासन विशेष पहल करता है। शिक्षक व शिक्षिकाओं को प्रोत्साहित करने के लिए समय-समय पर उन्हें पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया जाता है। जिले के बेसिक शिक्षा विभाग से जुड़े प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों का हाल शायद ही किसी से छिपा हो। लगातार विद्यालयों में शैक्षिक स्तर गिरता जा रहा है। आए दिन योजनाओं को लेकर विवाद खड़ा हो जाता है। जिले में कुछ ऐसे विद्यालय भी हैं, जहां शिक्षकों ने पढ़ाई की बेहतर व्यवस्था कर रखी है। सीबीएसई की तर्ज पर स्कूलों में पढ़ाई भी होती है और बच्चों को सारी सुविधाएं मिलती हैं। कुछ शिक्षक तो इसके लिए अपनी जेब से पैसा खर्च करने से भी नहीं हिचकते। वर्तमान में बेसिक शिक्षा विभाग के 1513 व माध्यमिक के करीब 350 विद्यालय हैं। बेसिक स्कूलों में करीब 38 सौ व माध्यमिक में 750 शिक्षक व शिक्षिकाएं तैनात हैं। 1पिछले माह केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान ने बीएसए रेखा सुमन और जिला विद्यालय निरीक्षक जितेंद्र कुमार मलिक के पास पत्र भेजा था जिसमें सूचना व संचार प्रौद्योगिकी शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले शिक्षकों को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार देने की बात कही थी। इसमें 31 जुलाई तक दोनों विभागों को अपने यहां से बेहतर शिक्षकों के नाम प्रौद्योगिकी संस्थान के लिए भेजने हैं। जिला समन्वयक समेकित शिक्षा एसएन सिंह ने बताया कि शिक्षकों के पुरस्कार वाली इस योजना की जानकारी समस्त खंड शिक्षा अधिकारियों को दे दी गई है
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