बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में बच्चों के खाने की गुणवत्ता और मीनू पर अब ‘मां’ की नजर होगी। सभी स्कूलों में रुचि रखने वाली सभी वर्गों की छह माताओं का एक समूह गठित किया जाएगा जिसका नाम मां होगा। समूह की महिलाएं प्रतिदिन स्कूल में दूध, फल, मिड-डे-मील की गुणवत्ता व मीनू का परीक्षण करेंगी। यह भी देखेंगी की उपस्थित बच्चों के सापेक्ष ही मध्याह्न भोजन पंजीकरण पर बच्चों की संख्या लिखी गई है। परीक्षण करेंगी। बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल की अध्यक्षता में लखनऊ में हुई सभी बीएसए की बैठक में इस संबंध में निर्देश मिलने के बाद विभिन्न जिलों में मां समूह का गठन होने लगा है।बीएसए हरिकेश यादव ने भी 12 मई को सभी खंड शिक्षाधिकारियों को मां समूह गठित करने का आदेश जारी किया। समूह में उन्हीं माताओं को शामिल किया जाएगा जिनके बच्चे स्कूल में पढ़ते हों और उनका नाम स्कूल दीवार पर लिखा जाएगा। समूह का गठन हर हाल में 20 मई तक हो जाएगा। समूह की महिलाएं प्रत्येक कार्य दिवस में स्कूल आएंगी और उनकी उपस्थिति का रजिस्टर प्रधानाध्यापक तैयार करेंगे। बच्चों के आधार कार्ड भी 20 मई तक और शिक्षकों व कर्मचारियों के आधार कार्ड 30 मई तक उपलब्ध कराने के निर्देश हैं। जिन शिक्षकों के आधार कार्ड 30 मई तक नहीं मिलेंगे उनका वेतन जुलाई से रोक दिया जाएगा।एक-एक स्कूल गोद लेंगे खंड शिक्षाधिकारी: सभी खंड शिक्षाधिकारी अपने ब्लाक के सबसे खराब स्कूल को गोद लेंगे। गोद लिए स्कूलों व छात्रों का प्रोफाइल तैयार करेंगे और छह माह बाद प्रगति रिपोर्ट देंगे।
’ शौचालयों को साफ रखें और उन्हें पाइप लाइन वाटर सप्लाई से जोड़ा जाए’ शिक्षक कार्य समय-सारिणी से हो जो हर स्कूल पर लगाई जाए’ विद्यालय प्रबंध समिति की बैठक हर महीने बुलाई जाए’ कोई भी शिक्षक या शिक्षिका अलग से कोचिंग। ऐसा मिलने पर कठोर कार्रवाई होगी ’ स्कूल के सभी शिक्षकों के नाम, फोटो, मोबाइल नंबर एक चार्ट पेपर पर तैयार कर प्रधानाध्यापक कक्ष के बाहर लगाएं जिसे छुट्टी होने के बाद हटा दें’ गांव में कार्यरत सफाईकर्मी की उपस्थिति का रजिस्टर स्कूल के प्रधानाध्यापक तैयार करेंगे और प्रतिदिन सफाईकर्मी से रजिस्टर पर हस्ताक्षर कराएंगे
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