जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी ने जिला बेसिक शिक्षाधिकारी कार्यालय में छापा मार दिया। इस दौरान प्रभारी बीएसए त्रिलोकी नाथ और वित्त एवं लेखाधिकारी समेत तमाम अफसर और कर्मचारी अनुपस्थित रहे। साथ ही दफ्तर गंदगी से पटा मिला। कर्मचारी भी संतोषजनक जवाब नहीं दे सके, जिस पर डीएम ने सख्त नाराजगी जताई और अनुपस्थित अफसरों के वेतन पर रोक लगा दी।
सत्ता बदली तो सिस्टम की कार्यशैली भी बदल गई। योगी सरकार की सख्ती के बाद जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी ने भी प्रशासनिक तंत्र पर शिकंजा कस दिया है। सामान्यता गायब रहने वाले बीएसए दफ्तर के अधिकारी और कर्मचारी बुधवार को भी अनुपस्थित ही मिले। दोपहर को जिलाधिकारी ने बीएसए दफ्तर में छापा मारा, तो हीककत सामने आ गई। कार्यालयों के कक्षों में खूब गंदगी थी। शौचालय काफी खराब स्थिति में था। कार्यालय में रिकार्ड भी काफी अस्त व्यस्त पाया गया। इसके अतिरिक्त पटल सहायकों की अलमारियों में रखा रिकार्ड चेक किया गया, जो कई वर्षों से रखा होना बताया गया है। इसके सम्बन्ध में संबंधित पटल सहायक कोई सन्तोषजनक जवाब नहीं दे सके। इसके अलावा कार्यालय में सलीम मियां, अनीश लतीफ व शगुफ्ता मेहजबी आदि शिक्षक बीएसए दफ्तर से संबध थे, जिसे डीएम ने गलत ठहराया और इस सम्बन्ध में जिला बेसिक शिक्षाधिकारी से रिपोर्ट मांगी है।
वित्त लेखाधिकारी कार्यालय में कई खण्ड शिक्षाधिकारी कार्यालयों की सर्विस बुकें जमीन पर रखी हुई पाई गईं, जो काफी समय से रखी होना प्रतीत हुई। इसके सम्बन्ध में संबंधित पटल सहायकों द्वारा सन्तोषजनक उत्तर नहीं दिया गया है। इसके अतिरिक्त अलमारियों में रखा गया रिकार्ड काफी अस्त व्यस्त एवं पुराना था। बिल सम्बन्धी वित्तीय वर्ष की पत्रवलियां मांगें जाने पर संबंधित पटल सहायक पत्रवलियां प्रस्तुत नहीं कर सके। इनके द्वारा केवल बिल प्रस्तुत किए गए, जो स्पष्ट नहीं थे कि किस वित्तीय वर्ष के हैं। कार्यालय में ही अलमारियों के पीछे स्टोर टाईप का हॉल बनाया गया है, जिसमें काफी मात्र में वर्षों पुराना रिकार्ड पड़ा हुआ है और उसमें दीमक लग चुकी है। इस सम्बन्ध में जानकारी करने पर उपस्थित अधिकारी और कर्मचारी स्थिति स्पष्ट नहीं कर सके।
नगर शिक्षाधिकारी कार्यालय में निरीक्षण के दौरान साफ सफाई का अभाव था। कार्यालय में लगभग 10 वर्षों से कर्मचारी एक ही पटल पर तैनात मिले। उनके द्वारा अपने कार्यों का निष्पादन भी ठीक प्रकार से नहीं किया जा रहा है। कार्यालय में लगी अलमारियों को खुलवाकर देखा गया तो उसे देखकर ऐसा प्रतीत हुआ है कि कार्यरत अफसरों और कर्मचारियों ने वर्षों से अलमारियों को खोलकर नहीं देखा। पत्रवलियों के ऊपर धूल की काफी मोटी परत जमी हुई थी। इसके अतिरिक्त कार्यालय में एक स्टोर है, जिसमें अत्यधिक मात्र में टूटी हुई कुर्सी मेज एवं रिकार्ड अस्त व्यस्त पड़ा है। सर्वशिक्षा अभियान कार्यालय में एक संविदा कर्मी नितिश गुप्ता कार्य करता हुआ मिला। यह संविदा कर्मी भी पत्रवलियों के सम्बन्ध किसी प्रकार का कोई अभिलेख प्रस्तुत नहीं कर सका। डीएम ने संविदा समाप्त करने के निर्देश दिए हैं। अस्त व्यस्त पत्रवलियों को देख डीएम बोले कि इससे साफ है कि सर्वशिक्षा अभियान से जुड़े अधिकारी द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है व कार्य में अत्यधिक लापरवाही की जा रही है। जिला समन्वयक प्रशिक्षण कार्यालय के निरीक्षण के समय मोहन स्वरूप गंगवार उपस्थित मिले। इनके कार्यालय में रिकार्ड काफी अस्त व्यस्त था। गंदगी पसरी थी। इसके अतिरिक्त कार्यालय में छात्रों को उपलब्ध कराये जाने वाले बैग जो कुछ फर्मो द्वारा सैम्पल के रूप में दिए गए थे रखे मिले।
इस पर जिलाधिकारी ने प्रभारी बीएसए त्रिलोकीनाथ, वित्त एवं लेखाधिकारी श्यामलाल जायसवाल, जिला समन्वयक प्रशिक्षण मोहन स्वरूप गंगवार, नगर शिक्षाधिकारी, बीएसए के आशुलिपिक नरपाल सिंह, प्रधान सहायक नन्दकिशोर, जोर सिंह, जयपाल सिंह, सलीम मियां, अनीसा लतीफ, शागुफ्ता मेहजबी, सोमेन्द्र बहादुर, सुधीर सक्सेना, अरविन्द कुमार, विजय कुमार, यूसुफ अली, मारूल शर्मा, सुनील कुमार अजरूनवीर सिंह, सत्येन्द्र कुमार दिनेश कुमार, गुलरेज अहमद, नदीम मियां, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी विनोद कुमार, रामू शाहबुददीन, राजेश के वेतन पर रोक लगाते हुए प्रतिकूल प्रविष्टि जारी की है
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