राजधानी के सरकारी स्कूलों में मिड-डे-मील खाने वाले बच्चों के आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया अधर में फंस गई है। शासन ने यूपी डेस्को एजेंसी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी थी। जिस पर एक मई से आधार कार्ड बनाने का काम भी शुरू किया जाना था। लेकिन आधार कार्ड मशीन का साफ्टवेयर अपडेट न होने की वजह से एक सप्ताह तक यूपी डेस्को ने काम करने में सहमति जताई है। जिससे राजधानी के करीब 1,79,532 बच्चों का आधार बनाने का मामला फंस गया है।दरअसल, भारत सरकार की ओर से संचालित प्रत्येक योजनाओं के अंतर्गत लाभार्थी छात्र-छात्राओं का आधार नंबर अनिवार्य कर दिया गया है। बिना इस नंबर के कोई भी लाभ नहीं दिया जा सकेगाा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय, स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के आदेश पर बीते दिनों शासन ने मिड-डे-मील खाने वाले बच्चों का आधार कार्ड बनाना अनिवार्य किया था। विभागीय जानकारों की मानें तो इसके लिए 20 मई तक समय सीमा भी निर्धारित की गई। लेकिन अब मामला फंस गया है।सिर्फ 14.52 प्रतिशत बच्चों के पास है आधारबीएसए कार्यालय के मुताबिक राजधानी में परिषदीय, सहायता प्राप्त, राजकीय एवं मदरसा आदि में मिड-डे-मील खाने के लिए 2,09,846 बच्चे पंजीकृत हैं। इनमें से करीब 1,24,336 बच्चों की ही उपस्थित हो रहे हैं। इनमें से 30,314 (14.52 प्रतिशत) बच्चों के पास आधार कार्ड है। शेष करीब 1,79,532 बच्चों के आधार कार्ड बनाने की जिम्मेदारी यूपी डेस्को एजेंसी को दी गई है। लेकिन कंपनी की आधार कार्ड बनाने वाली मशीन का साफ्टवेयर अपडेट न होने की वजह से प्रक्रिया फंस गई है।
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