DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Thursday, May 25, 2017

चयन बोर्ड से निकलेगा नियुक्तियों का रास्ता, बोर्ड और प्रदेश सरकार टकराव के रास्ते पर, रुकी नियुक्तियां फिर शुरू होने की उम्मीद

इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र और प्रदेश सरकार टकराव के रास्ते पर हैं। चयन बोर्ड ने जिस तरह से पिछले दिनों पांच विषयों का परिणाम घोषित किया है। इससे साफ हो गया है कि वह अब पीछे हटने को तैयार नहीं है। हाईकोर्ट ने बोर्ड अध्यक्ष से 26 मई को व्यक्तिगत हलफनामा मांगा हैं। सूत्रों का कहना है कि यह शपथ पत्र बोर्ड के मौजूदा रुख के अनुरूप ही होगा। इस टकराव से मार्च से रुकी नियुक्तियां फिर शुरू होने की उम्मीद है, उसका असर अन्य आयोग व भर्ती बोर्ड में दिखेगा। प्रदेश के अशासकीय माध्यमिक कालेजों के लिए शिक्षकों की नियुक्ति चयन बोर्ड करता है। यहां पिछले साल चयन प्रक्रिया तेजी से शुरू हुई, जिसे बीते 22 मार्च को सूबे की सरकार ने एकाएक रोक दिया। उस समय स्नातक शिक्षक 2013 के छह विषयों का परिणाम लंबित था, 2011 की लिखित परीक्षा का रिजल्ट और 2016 की लिखित परीक्षा की तैयारियां निर्देश के बाद से ठप हो गईं।




सूत्र बताते हैं कि यहां के अगुवा से कहा गया कि सरकार बदलने पर जो अब तक की परिपाटी रही है उसका अनुपालन किया जाए, लेकिन वह इसके लिए तैयार न हुए। कहा जा रहा है कि यहीं से टकराव शुरू हुआ। रिजल्ट का प्रकरण कोर्ट पहुंचा। नियुक्तियां रोके जाने की याचिका में साक्ष्य के तौर पर चयन बोर्ड का एजेंडा लगाया गया। इस पर पूर्व प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा से कोर्ट ने हलफनामा मांगा। प्रमुख सचिव ने नियुक्ति रोकने से स्पष्ट मना कर दिया। चयन बोर्ड ने टकराव के रास्ते पर आगे बढ़ते हुए दूसरे ही दिन बैठक करके पांच विषयों का रिजल्ट घोषित किया, जबकि उस समय तक न तो कोर्ट का रिजल्ट देने का निर्देश था और न ही चयन बोर्ड से पूछताछ हुई थी। न्यायालय की सुनवाई के दौरान चयन बोर्ड ने यह कदम अपने आप उठा लिया। इससे यह संकेत दिया कि यदि प्रमुख सचिव ने नियुक्तियां रोकी नहीं थी तो अब परिणाम घोषित कर रहे हैं। चयन बोर्ड बैठक का एजेंडा और फिर रिजल्ट घोषित करने से साफ हो गया कि चयन बोर्ड इस मामले में पीछे हटने को तैयार नहीं है। बोर्ड अध्यक्ष के हलफनामा देने के बाद उम्मीद है कि हाईकोर्ट नियुक्तियों की दिशा स्पष्ट कर देगा और दो माह से विभिन्न आयोग व भर्ती संस्थानों में ठप प्रक्रिया फिर चल निकलेगी। सभी की निगाहें 26 मई की सुनवाई पर टिकी हैं।

No comments:
Write comments