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Friday, May 5, 2017

गोरखपुर : सरदारनगर के प्राथमिक विद्यालय तिलौली में हो रही अनूठी पहल, परिषदीय शिक्षा के प्रति बढ़ रहा विश्वास, बढ़ने लगी है छात्रों की संख्या


 

अल्पा निगम बताती हैं कि विद्यालय के छात्र और अध्यापकों के सहयोग से गांवों में चौपाल लगाया जा रहा है। इसके पहले रैलियां निकाली जाती थीं, लेकिन उसमें छात्र परेशान होते थे। लोगों तक संदेश भी नहीं पहुंच पाता था। सर्व शिक्षा अभियान का उद्देश्य पूरा न होते देख चौपाल की योजना बनाई गई है। चौपाल में अभिभावकों समझाने में सहूलियत मिलती है। वह बहुत आसानी से संतुष्ट भी हो जाते हैं। बच्चों को भी रोजाना स्कूल पहुंचने के लिए प्रेरित किया जाता है। जिस गांव में चौपाल लगाना होता है, वहां एक दिन पहले ही शिक्षकों की टीम पहुंच जाती है। स्थल का चयन कर शिक्षकों की टोली बनाकर लोगों को जागरूक किया जाता है। अगले दिन सुबह 6:30 बजे ही शिक्षकों की टीम चयनित गांव और निर्धारित स्थल पर पहुंच जाती है। लगभग दो घंटे तक विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। विनय प्रार्थना, क्विज प्रतियोगिता और नुक्कड़ नाटक का आयोजन भी किया जाता है। प्रश्न पहर के तहत अभिभावक और बच्चों से सवाल- जवाब भी किया जाता है। चौपाल समाप्त कर सुबह नौ बजे तक शिक्षक और छात्रों की टीम विद्यालय पहुंच जाती है। चौपाल के माध्यम से स्कूल ही नहीं गांव में भी शिक्षा का वातावरण तैयार होने लगा है। 

 का नाम आते ही जेहन में उदासीन शिक्षक, जर्जर भवन और अव्यवस्था का खाका चस्पा हो जाता है। आज भी ग्रामीण क्षेत्रों के कुछ विद्यालयों में ताला लटका मिल ही जाएगा। इन सबके बीच कुछ ऐसे भी शिक्षक हैं, जो न केवल अपनी अनूठी पहल से लोगों का नजरिया बदलने में लगे हैं बल्कि दूसरों के लिए नजीर भी बन रहे हैं। ऐसी ही एक पहल सरदारनगर स्थित प्राथमिक विद्यालय तिलौली में देखने को मिल रही है। जहां के शिक्षक महिला प्रधानाध्यापक के नेतृत्व में गांवों में चौपाल लगाकर लोगों में के प्रति विश्वास बढ़ाने में जुटे हुए हैं। 


प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों की टीम अभी तक सात गांव में 22 चौपाल लगा चुकी है। मई माह के अंत तक 10 गांव में 25 चौपाल लगाने की योजना है। गांवों में अभिभावकों के मिल रहे सहयोग से शिक्षकों की टीम उत्साहित है। अब तो अन्य गांव के लोग भी शिक्षकों को बुलाने लगे हैं। चौपाल में अभिभावकों के अलावा अन्य कान्वेंट विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों की भीड़ भी जुट रही है। इसका असर विद्यालय परिसर में देखने को मिल रहा है। छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है। 



यहां लग चुका है चौपाल: प्रधानाध्यापक ने बताया कि अब तक तिलौली, बरईपार, बसडीला, पंसरही, सरैया, गगड़ा और डुमरी खास गांव में चौपाल लगायी जा चुकी है। सहायक अध्यापक राहुल गुप्ता, विजय प्रताप चन्द और संगीता यादव की टीम को गांव के लोगों और जन प्रतिनिधियों का भी सहयोग मिलने लगा है। पढ़ने आने लगे हैं कान्वेंट स्कूल के 25 बच्चे: पिछड़े क्षेत्र में स्थित कक्षा पांच तक के इस विद्यालय में नए सत्र में 257 बच्चों का नामांकन हो चुका है, जिसमें 25 कान्वेंट विद्यालयों से आए हैं। प्रधानाध्यापक अल्पा निगम बताती हैं कि विद्यालय में स्मार्ट कक्षाएं संचालित की जा रही हैं।


 10 अप्रैल को ही राज्य शैक्षिक प्रशिक्षण अनुसंधान परिषद की टीम विद्यालय पहुंची थी। टीम ने पठन-पाठन की वीडियोग्राफी कराई है, जिसे देशभर के शिक्षकों की कार्यशाला में दिखाया जाएगा। शिक्षकों को बताया जाएगा कि वे किस तरह आरंभिक कक्षाओं में भाषा का शिक्षण करें।



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