संवाद सहयोगी, हाथरस : फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर बेसिक स्कूलों में नौकरी करने वाले शिक्षकों के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। पिछले दस साल से नौकरी करने वाली सहायक अध्यापिका की बीएड मार्कशीट फर्जी निकली है। महाविद्यालय से मांगी गई आरटीआइ की सूचना में इसका खुलासा हुआ है। शिकायतकर्ता ने अब जिलाधिकारी और बीएसए को पत्र देकर शिक्षिका की सेवा समाप्त कर वेतन की रिकवरी की मांग की है। 1हाथरस ब्लाक के एक उच्च प्राथमिक विद्यालय में वर्ष 2006 में इस शिक्षिका की नौकरी लगी थी। तभी से शिक्षिका नियमित नौकरी कर वेतन प्राप्त कर रही है। साकेत कॉलोनी निवासी दिलीप कुमार ने शिक्षिका की बीएड के बारे में जानकारी आरटीआइ के जरिए एके कॉलेज शिकोहाबाद के प्राचार्य से मांगी थी। शिकायतकर्ता ने सूचना में प्राचार्य से यह मांगा था कि क्या वर्ष 1998 में उक्त शिक्षिका ने बीएड में प्रवेश लिया था या नहीं। 21 अप्रैल को महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जीके गुप्ता ने सूचना उपलब्ध करा दी, जिसमें स्पष्ट था कि वर्ष 1998 में उक्त शिक्षिका ने बीएड में प्रवेश नहीं लिया था, जबकि शिक्षिका ने नौकरी के दौरान अपने जो प्रमाण पत्र लगाए हैं, उसमें उसने वर्ष 1998 में महाविद्यालय से बीएड प्रथम श्रेणी में पास करने की मार्कशीट लगाई है। अब रमनपुर निवासी हरी सिंह ने शिक्षिका की सेवा समाप्त करने और रिपोर्ट दर्ज कराकर प्राप्त किए गए वेतन की रिकवरी करने की मांग जिलाधिकारी अमित कुमार सिंह और बीएसए रेखा सुमन से की है।’>>आरटीआइ के तहत महाविद्यालय ने दी प्रवेश न लेने की जानकारी1’>>अब शिक्षिका पर कार्रवाई के लिए डीएम और बीएसए से शिकायत
गिरोह नहीं आ रहा हाथ1शिक्षा विभाग में फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी दिलाने वाले गिरोह के पास तक विभागीय अधिकारी नहीं पहुंच पाए हैं। कई ऐसे शिक्षक हैं जो आज भी गलत प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी कर रहे हैं। शिक्षकों को नौकरी दिलाने वाला खुद शिक्षा विभाग में शिक्षक के पद पर तैनात बताया जाता है। उसके जरिए लगाए गए कई शिक्षकों पर गाज गिर चुकी है, लेकिन वह अब तक पकड़ में नहीं आया।
गिरोह नहीं आ रहा हाथ1शिक्षा विभाग में फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी दिलाने वाले गिरोह के पास तक विभागीय अधिकारी नहीं पहुंच पाए हैं। कई ऐसे शिक्षक हैं जो आज भी गलत प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी कर रहे हैं। शिक्षकों को नौकरी दिलाने वाला खुद शिक्षा विभाग में शिक्षक के पद पर तैनात बताया जाता है। उसके जरिए लगाए गए कई शिक्षकों पर गाज गिर चुकी है, लेकिन वह अब तक पकड़ में नहीं आया।
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