, बिना सीसीटीवी वाले स्कूल नहीं बनेंगे केंद्र
नई मान्यता पर लगाई रोक
चाइल्ड केयर लीव देने के निर्देश
यूपी बोर्ड परीक्षा में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब छात्रों के पंजीकरण के लिए ‘आधार’ अनिवार्य होगा। बिना इसके पंजीकरण नहीं हो सकेगा। इसके अलावा बोर्ड परीक्षा केंद्रों का निर्धारण भी ऑनलाइन होगा। रविवार को माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने यह निर्देश जिम्मेदारों को दिए। उन्होंने वित्तविहीन शिक्षकों के लिए जल्द ही सेवा नियमावली जारी करने के साथ ही शिकायतों के चलते वित्तविहीन स्कूलों को नई मान्यता देने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के भी निर्देश दिए।बैठक में उन्होंने कहा कि शिक्षक संघ व प्रबंधन तंत्र विद्यालयों में न्यूनतम 220 दिवस तक सिलेबस संचालित करने और उसे 200 शिक्षण दिवसों में पूरा करने में सहयोग प्रदान करें। सिलेबस पूरा करने के बाद शेष 20 शिक्षण दिवसों में कमजोर बच्चों को सिलेबस का पुन: अभ्यास कराने में समय दिया जाए। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले सत्र से नकलविहीन परीक्षा कराने के लिए ऑनलाइन परीक्षा केन्द्र बनाए जाएंगे। इसके लिए अभी से कार्य शुरू कर दिया गया है, ताकि पूरी पारदर्शिता के साथ परीक्षा केन्द्रों का निर्धारण हो सके। इस कार्य में शिक्षक संघ एवं प्रबन्ध तंत्र से शतप्रतिशत सहयोग की अपेक्षा जरूरी है। इसके अलावा जिन वित्तविहीन विद्यालयों में सीसीटीवी नहीं है, उन्हें परीक्षा केन्द्र नहीं बनाया जाएगा। इसके अलावा स्वकेन्द्र प्रणाली भी समाप्त की जाएगी।
वित्तविहीन शिक्षकों की बनेगी सेवा नियमावली
वित्त विहीन विद्यालयों को 7क (क) के अन्तर्गत मान्यता दिये जाने में अनियमितता की शिकायत पर उप मुख्यमंत्री ने तत्काल प्रभाव से विद्यालयों को नवीन मान्यता दिये जाने पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। सूत्रों की मानें तो इस बार स्कूलों को मान्यता देने में काफी खेल किया गया है। मानकों को दरकिनार कर सात-आठ कमरों वाले कमरों को भी मान्यता दी गई है। इसकी शिकायत के बाद उप मुख्यमंत्री ने मान्यता देने पर रोक लगा दी।आरटीजीएस से शिक्षकों को वेतन भुगतानउप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि सभी वित्त विहीन विद्यालय अपने शिक्षकों को आरटीजीएस के माध्यम से वेतन का भुगतान करें। साथ ही सभी शिक्षकों का रिकार्ड रखें कि वह विद्यालय में कब से अध्यापन कार्य कर रहें हैं। इसके साथ ही नियुक्ति के समय शैक्षिक आर्हता का पूरा पालन किया जाए। उन्होंने कहा कि एनसीआईआरटी के पैटर्न पर पाठ्यक्रम के निर्धारण पर विचार किया जा रहा है।
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