संवाद सहयोगी, हाथरस : गांवों में बिना पढ़े लिखे लोगों को साक्षर बनाने के लिए पिछले कई साल से प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी शत-प्रतिशत लोग साक्षर नहीं हो पा रहे। रविवार को लोक शिक्षा केंद्रों पर परीक्षा का आयोजन कराया गया, जिसमें शत-प्रतिशत नव साक्षर परीक्षा में शामिल नहीं हो सके। 1पिछले छह साल से साक्षरता मिशन के तहत गांवों में निरक्षर लोगों को साक्षर बनाने के लिए शासन प्रयास कर रहा है। 31 मार्च 2017 तक 1,75,623 लोगों को साक्षर करना था, लेकिन विभागीय अधिकारी निर्धारित समय सीमा में करीब 1,53,446 लोग ही साक्षर हो सके। शत प्रतिशत लोगों के साक्षर न हो पाने पर अब केंद्र सरकार ने इस योजना को अगले छह माह के लिए बढ़ा दिया है। 18 जून को परीक्षा कराने के लिए विगत माह निर्देश दिए थे। बीस हजार नव साक्षरों को इस बार परीक्षा में बैठना था, लेकिन रविवार को 14,672 नव साक्षर ही परीक्षा में शामिल हुए। इसमें 9167 महिलाएं व 5505 पुरुष परीक्षा में शामिल हुए। 1बताते चलें कि फर्जीवाड़ा रोकने के लिए इस बार भारत सरकार ने उन्हीं नव साक्षरों की परीक्षा कराने के निर्देश दिए थे, जिनके पास आधार कार्ड उपलब्ध था। अब शेष नव साक्षरों की परीक्षा अगस्त में होगी। परीक्षा देने वाले नव साक्षरों की उत्तर पुस्तिकाएं संबंधित ब्लाक संसाधन केंद्रों पर जांची जाएंगी।’>>जिले में बीस हजार नवसाक्षरों को होना था परीक्षा में शामिल1’>>बीआरसी केंद्रों पर जांची जाएगी नव साक्षरों की उत्तर पुस्तिकाएं
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