अब जो छात्र स्कूल नहीं आएगा उसे बुलाने के लिए शिक्षक उसके घर जाएंगे। शिक्षकों का स्कूलवार रोस्टर बनेगा। हर दिन एक शिक्षक की ड्यूटी लगेगी। प्रार्थना शुरू होने के 15 मिनट पहले शिक्षक पूरे गांव में घूमेंगे जो छात्र घर पर मिलेंगे उन्हें स्कूल लेकर आएंगे। यह जुलाई से शुरू हो जाएगा।नामांकन के बाद परिषदीय स्कूलों में पढ़ने नहीं आ रहे छात्रों के लिए बेसिक शिक्षाधिकारी सुधीर कुमार ने नई योजना तैयार की है। उन्होंने हर स्कूल में शिक्षकों का रोस्टर बनाने का आदेश दिया है। हर दिन एक शिक्षक की ड्यूटी छात्रों को स्कूल पहुंचाने की लगेगी। इसमें प्रधानाध्यापक से लेकर सहायक अध्यापक, संकुल प्रभारी सभी शामिल होंगे। प्रधानाध्यापक स्कूल में तैनात शिक्षकों की संख्या के हिसाब से तिथिवार ड्यूटी लगाएंगे। जिस दिन जिसकी ड्यूटी रहेगी उस दिन छात्रों को स्कूल पहुंचाने की जिम्मेदारी उसकी होगी। यह कार्य प्रार्थना शुरू होने के 15 मिनट पहले शुरू होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षक गांव में जाएंगे और जिन-जिन छात्रों का नामांकन स्कूल में होगा। उन्हें स्कूल पहुंचने के लिए प्रेरित करेंगे। अगर उक्त छात्र लगातार स्कूल नहीं आ रहा है तो उसके अभिभावक से मिलकर उन्हें अपने बच्चे को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करेंगे और पढ़ाई से क्या-क्या फायदे हैं उसके बारे में भी अभिभावक को बताएंगे। प्रधानाध्यापक द्वारा बनाई गई रोस्टर की सूची प्रधानाध्यापक द्वारा बीआरसी केन्द्रों पर जमा की जाएगी।
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