संवाद सहयोगी, हाथरस : आलू की अधिक पैदावार होने से अब किसान कम कीमतों को लेकर परेशान हैं। उन्हें आलू के खराब होने का डर भी सताने लगा है। ऐसे में जिला उद्यान और बेसिक शिक्षा विभाग के अफसर आलू की खपत बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बनने वाले मिड डे मील में करने पर मंथन कर रहे हैं। 1स्कूलों में आलू की खपत पर जिला उद्यान अधिकारी ने बीएसए रेखा सुमन से रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट में बताया गया कि एक लाख बच्चों के मिड डे मील के लिए करीब 166 कुंतल आलू की जरूरत हर माह पड़ेगी। यदि इस योजना पर मोहर लग जाती है, तो किसानों की समस्या का हल हो सकती है। वहीं आने वाले दिनों में स्कूलों में नमकीन तहरी के अलावा सब्जी में आलू की मात्र अधिक हो जाएगी।1जिले के 1511 बेसिक स्कूलों में दोपहर के वक्त बच्चों को मिड डे मील दिए जाने का प्रावधान है। नगर क्षेत्र के विद्यालयों में एनजीओ पका पकाया मिड डे मील उपलब्ध कराती हैं, तो वही देहात के विद्यालयों में हेड मास्टर रसोइयों से मिड डे मील तैयार कराते हैं। करीब एक लाख से अधिक बच्चे मिड डे मील का सेवन करते हैं।आलू की खेती की स्थिति 1जिले के सासनी, सादाबाद और मुरसान क्षेत्र में किसान आलू की पैदावार अधिक करते हैं। इस साल 45 हजार हैक्टेयर आलू की पैदावार हुई। आलू का दाम अधिक मिल सके, इसके लिए किसानों ने जिले में स्थित 144 कोल्ड स्टोरेज में आलू सुरक्षित रख दिया। वहीं आलू की सही कीमत न मिल पाने से किसान परेशान हैं, क्योंकि जल्द ही दूसरे राज्यों का आलू बाजार में बिकने के लिए आ जाएगा।स्कूलों में मिड डे मील के लिए कोल्ड स्टोरेज से ही आलू पहुंच जाएं, इस पर विचार चल रहा है। बीएसए से हर माह होने वाली आलू की खपत के बारे में रिपोर्ट ले ली गई है, जिसे आला अफसरों के पास भेज दिया गया है।1गमपाल सिंह, जिला उद्यान अधिकारी, हाथरस
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