यूपी बोर्ड के रिजल्ट का प्रतिशत गिरने के आसार
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : जब आप यह खबर पढ़ रहे होंगे, उसके चंद घंटे बाद यूपी बोर्ड का हाईस्कूल व इंटरमीडिएट 2017 का रिजल्ट जारी होगा। पिछले पांच वर्षो में बोर्ड से सफल अभ्यर्थियों का शानदार रिकॉर्ड रहा है, लेकिन इस बार परीक्षा परिणाम का प्रतिशत पिछले वर्षो की अपेक्षा गिरने के पूरे आसार हैं। इसकी वजह इम्तिहान से लेकर उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन तक बोर्ड प्रशासन ने कड़ी निगरानी की है और नकल की शिकायत पर परीक्षा केंद्रों पर कार्रवाई की गई है। 1यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा 54 लाख से अधिक परीक्षार्थियों का भाग्य तय होना है, जिसे लेकर परीक्षार्थियों में उत्सुकता बढ़ी है। बोर्ड ने इस बार 90 प्रतिशत से अधिक अंक पाने वाले परीक्षार्थियों की कॉपियां दोबारा जांचने के आदेश दिए थे। इसका सीधा असर मूल्यांकन पर पड़ा और जो शिक्षक पूर्व के वर्षो में आंख मूंदकर अंकों की रेवड़ियां बांट रहे थे उन्होंने इस बार संभलकर मूल्यांकन किया है। परीक्षा के दौरान केंद्रों पर अफसरों ने नकल पर खासी सख्ती दिखाई थी। इसके चलते जिलों में अंधाधुंध नकल नहीं हो सकी। 2017 की परीक्षा में यूपी बोर्ड ने सामूहिक नकल की शिकायत पर 72 केंद्रों की एक-एक पाली की परीक्षा निरस्त की, जबकि 91 स्कूलों को डिबार कर दिया। 61 स्कूलों की कॉपियों की स्क्रीनिंग हुई। यही नहीं बोर्ड प्रशासन ने पहली बार पूरे प्रदेश से पिछले तीन वर्षो से टॉपर निकालने वाले कालेजों की उत्तरपुस्तिकाएं अलग से राजकीय इंटर कालेज इलाहाबाद मंगवाकर जंचवाया है। बोर्ड का उद्देश्य नकल कराकर मेधावी निकालने की परंपरा पर प्रभावी अंकुश लगाना रहा है। ऐसे संकेत है कि इस बार यूपी बोर्ड का परीक्षा परिणाम पिछले वर्षो की अपेक्षाकृत कम होगा।राज्य
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