लखनऊ । ‘‘प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में गुणवत्तापरक शिक्षा सुनिश्ति करने में एमएससी पंचायतों की महात्वपूर्ण भूमिका हो सकती है, बशत्रे उन्हें शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 की ठीक- ठीक जानकारी हो। हमारी सरकार प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था विशेष तौर पर प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक सुधार के लिए संकल्पित और कटिबद्ध है। यह बात उप- निदेशक, पंचायतीराज विभाग योगेन्द्र कटियार ने गोमती नगर स्थित एक होटल में आयोजित पंचायतों के राज्य स्तरीय सम्मेलन में कहीं।
यूनिसेफ और एक्शनएड इण्डिया के तत्वावधान में दो दिवसीय एमएससी और पंचायतों का राज्य स्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया गया है। जिसमें प्रदेश के विभिन्न जनपदों के एमएससी अध्यक्ष और ग्राम प्रधानों के अतिरिक्त बेसिक शिक्षा अधिकारी भाग ले रहे हैं। दो दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि योगेन्द्र कटियार व सर्व शिक्षा अभियान के शिक्षा विशेषज्ञ पंकज पांडेय ने सरकार की प्रतिबद्धताओं के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि प्राथमिक एवं उन्न प्राथमिक विद्यालयों के बेहतर संचालन कें विशेषकर पंचायतों की भूमिका पर सरकार जमीनी स्तर पर कार्य कर रही है और निश्चित ही इसके सुखद परिणाम भविष्य में देखने को मिलेंगे।
एक्शनएड इण्डिया ( उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड) के क्षेत्रीय प्रमुख खालिद चौधरी ने कहा कि ‘‘ विगत डेढ वर्षो से हम प्रदेश के लगभग 1500 प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सघन रूप से काम कर रहे हैं। विशिष्ट अतिथि निदेशक बेसिक शिक्षा विभाग सव्रेन्द्र विक्रम सिंह और यूनिसेफ के शिक्षा विशेषज्ञ रामचन्द्र राव बेगुर और ऋत्विक पात्रा ने भी विचार रखे। कार्यक्रम के समापन सत्र में एक्शनएड इण्डिया के कार्यकारी निदेशक संदीप चाचरा ने यूनिसेफ के प्रति विशेष रूप से आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन सामाजिक कार्यकर्ता संजय राय ने धन्यवाद ज्ञापन मोहम्मद दस्तगीर अली आज़म ने किया।
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