DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Wednesday, June 14, 2017

ग्रेच्युटी भुगतान में किया खेल, माध्यमिक शिक्षा विभाग में  मामला आया सामने, प्रक्रिया के वितरीत किया भुगतान, पड़ताल में कई और मामले उजागर होने संभव

लखनऊ : माध्यमिक शिक्षा विभाग में ग्रेच्युटी भुगतान में खेल किए जाने का मामला सामने आया है। उप शिक्षा निदेशक (षष्ठ मंडल) लखनऊ कार्यालय स्तर से नॉन टीचिंग स्टाफ का ग्रेच्युटी भुगतान मंडलीय ऑडिट इकाई से परीक्षण कराए बिना ही कर दिया गया। प्रकरण का खुलासा सीतापुर के शिक्षक रामसहाय द्वारा संयुक्त निदेशक को गई शिकायत के दौरान हुआ।




मामला हरदोई जनपद के नेहरू म्युनिसिपल इंटर कॉलेज साहाबाद के कर्मचारी सफायतुल्ला का है। सफायतुल्ला की ग्रेच्युटी भुगतान का प्रकरण विभाग तक पहुंचा था। जिसे परीक्षण के लिए मंडलीय ऑडिट इकाई नहीं भेजा गया। रामसहाय के मुताबिक यह इकलौता मामला नहीं है। पड़ताल करने पर ऐसे कई मामलों का परत दर परत खुलासा संभव है। 




ग्रेच्युटी भुगतान की प्रक्रिया

दरअसल, एक कर्मचारी नियत संगत यदि 33-34 साल की सेवा पूरी करता है तो उसके ग्रेच्युटी भुगतान की रकम करीब 4-5 लाख रुपये बनती है। जिसे उप शिक्षा निदेशक द्वारा परिक्षण के लिए मंडलीय आडिट इकाई में भेजा जाता। यहां वास्तविक आगणन कर निर्धारित धनराशि के भुगतान की संस्तुति की जाती है। 




प्रक्रिया में कहां लगाई सेंध: मंडल के प्रत्येक जनपद के रिटायर शिक्षक एवं कर्मियों की पेंशन / जीपीएफ के प्रकरण मंडल स्तर पर उप शिक्षा निदेशक कार्यालय भेजे जाते हैं। उपशिक्षा निदेशक कार्यालय प्रकरण को परीक्षण के लिए मंडलीय ऑडिट इकाई को भेजता है। मगर सफायतुल्ला के भुगतान के प्रकरण को उपनिदेशक ने मंडलीय ऑडिट इकाई न भेज कार्यालय स्तर से ही भुगतान कर दिया गया।




सीतापुर के शिक्षक रामसहाय द्वारा की गई शिकायत के दौरान खुलासाइस संबंध में शिकायत मिली है। मामले की जांच कराई जाएंगी। अगर गलत प्रक्रिया के तहत किसी को भुगतान किया गया है तो संबंधित व्यक्ति पर कार्रवाई की जाएगी।- दीपचंद्र, संयुक्त शिक्षा निदेशक (षष्ठ मंडल), लखनऊ


No comments:
Write comments