लखनऊ : योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के मूल निवासी सामान्य वर्ग के गरीब छात्रों को बड़ी राहत देते हुए यह फैसला किया है कि चालू शैक्षिक सत्र से यदि वे देश के दूसरे राज्यों के सरकारी और शासकीय सहायताप्राप्त शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई करेंगे तो उन्हें दशमोत्तर छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना का लाभ मिलेगा। सरकार ने यह फैसला करते हुए उप्र सामान्य वर्ग दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना नियमावली, 2012 में संशोधन कर दिया है।
इस नियमावली के तहत समाज कल्याण विभाग दसवीं कक्षा से आगे की पढ़ाई करने वाले सामान्य वर्ग के उन छात्रों को दशमोत्तर छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति योजना का लाभ देता है जिनके परिवार की सालाना आय दो लाख रुपये या उससे कम होती है। अखिलेश सरकार ने वर्ष 2015-16 व 2016-17 में दूसरे राज्यों में पढ़ने वाले उप्र के सामान्य वर्ग के गरीब छात्रों को दशमोत्तर छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति न करने का निर्णय लिया था। नियमावली के तहत सत्र 2017-18 से किसी कोर्स में पंजीकृत सामान्य वर्ग के छात्रों को योजना का लाभ तभी मिलेगा, जब कक्षा में उनकी उपस्थिति कम से कम 75 फीसद हो। समाज कल्याण विभाग शैक्षिक सत्र 2017-18 से निजी कॉलेजों द्वारा संचालित पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट कोर्स में दाखिला लेने वाले सामान्य वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति योजना का लाभ नहीं देगा।
सरकार ने तय किया है कि जो निजी कॉलेज ऐसा कोर्स संचालित कर रहे हैं जिससे किसी विश्वविद्यालय या संबद्धता देने वाली संस्था या किसी सरकारी विभाग की ओर से मान्यता नहीं दी गई है, तो उस कोर्स में दाखिला लेने वाले सामान्य श्रेणी के छात्रों को योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा। वर्ष 2016-17 में योजना के तहत आवेदन करने वाले सामान्य श्रेणी के ऐसे छात्र जो छात्रवृत्ति नहीं पा सके, उनके मामले में विचार करने को प्रमुख सचिव समाज कल्याण की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है।
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