लखनऊ (डीएनएन)। सेंट्रल बोर्ड फॉर सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) के स्कूलों में अब स्पेशल बच्चे (दिव्यांग) भी आम बच्चों की तरह ही पढ़ाई कर सकेंगे। वे आम बच्चों के बीच में ही बैठेंगे और उनके लिए अलग कक्षाओं की व्यवस्था करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सीबीएसई ने सभी संबद्ध स्कूलों में विशेष शिक्षक रखने का निर्देश जारी किया है। इसके लिए आदेश भी जारी कर दिया गया है। बोर्ड के डिप्टी सेक्रेटरी जय प्रकाश चतुर्वेदी ने बताया कि सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध सभी स्कूलों को विशेष शिक्षक रखने का सर्कुलर जारी कर दिया गया है। इसके लिए बोर्ड ने राईट टू एजुकेशन एक्ट 2009 का हवाला दिया है। इस एक्ट के मुताबिक, स्पेशल बच्चे भी मुख्य धारा से जुड़ने के हकदार हैं। ये तभी संभव हो पाएगा, जब वे शुरुआत से ही आम बच्चों की तरह रहें। उनकी तरह व्यवहार करने के साथ ही उनके बीच में ही रहकर शिक्षा भी प्राप्त करें। सीबीएसई बोर्ड ने ज्यादातर स्कूलों में विशेष शिक्षक न होने पर कड़ी नाराजगी जताई है। बोर्ड के अफसरों का मानना है कि स्कूलों में विशेष शिक्षक न होने पर स्पेशल बच्चों के अभिभावक अपने बच्चों को इन स्कूलों में प्रव्ज़श दिलाने से कतराते हैं। वहीं, कुछ स्कूल ऐसे भी हैं जो खुद विशेष बच्चों के लिए अपने स्कूल में सुविधा न होने का बहाना बनाकर प्रव्ज़श देने से मना कर देते हैं।सबद्धता के नियमों में शामिलबोर्ड ने स्कूलों को संबद्धता देने के नियमों में भी विशेष शिक्षकों की नियुक्ति को शामिल कर लिया है। इसके मुताबिक अगर कोई भी नया स्कूल सीबीएसई से संबद्धता के लिए आवेदन करता है तो उसको ये दिखाना होगा कि उनके बाकी शिक्षक के अलावा विशेष शिक्षक भी हैं। यही नहीं, जो स्कूल पहले से ही संबद्धता प्राप्त कर चुके हैं, उन्हें भी अपने यहां पर विशेष शिक्षक को नियुक्त करना होगा।
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