ई-यूनिवर्सिटी पोर्टल
ऑनलाइन मिलेगा सभी विश्वविद्यालयों का डाटा, दाखिले सहित सभी कार्यो में आएगी पारदर्शिता
वेबसाइट नहीं होगी हैंग 1क्लाउड बेस्ड सिस्टम से सभी विश्वविद्यालयों के जुड़ने का यह फायदा होगा कि इसमें रिजल्ट निकलने पर वेबसाइट हैंग नहीं होगी। इसे स्केलअप यानी जरूरत के अनुसार बढ़ा दिया जाएगा। ई-यूनिवर्सिटी में ऑनलाइन दोहरे सत्यापन की भी व्यवस्था होगी। इसे आधार कार्ड, पैन कार्ड से ऑनलाइन जोड़ा जाएगा। क्योंकि ज्यादातर रिजल्ट एनआइसी ही तैयार करती है, ऐसे में ऑनलाइन मार्कशीट का भी सत्यापन हो जाएगा। वेबसाइट पर डाक्युमेंट डिजिटल लॉकर में सुरक्षित रहेंगे।1
जागरण संवाददाता, लखनऊ1प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय अब एक प्लेटफार्म पर होंगे। अभी प्रवेश, परीक्षा, वित्त विभाग से संबंधित सभी काम विश्वविद्यालय अलग-अलग साफ्टवेयर पर वेंडर की मदद से कर रहे हैं लेकिन, अब ये मेघराज क्लाउड और एक जेनेरिक साफ्टवेयर से जुड़ेंगे। तैयार किया जा रहा है, इसके माध्यम से एक विश्वविद्यालय दूसरे का डाटा आराम से देख सकेगे। इससे नॉलेज शेयरिंग आसान होगी तो फर्जीवाड़ा भी रुकेगा।1राज्यपाल व कुलाधिपति राम नाईक ने तैयार कर सभी विश्वविद्यालयों को एक प्लेटफार्म पर जोड़ने की जिम्मेदारी डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) को दी है। इसे लेकर ही ई-यूनिवर्सिटी बनाने के लिए सोमवार को इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (आइईटी) के सभागार में एकेटीयू के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक की अध्यक्षता में विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति व अधिकारियों की एक बैठक हुई। कुलपति विनय कुमार ने बताया कि क्लाउड बेस्ड सिस्टम से कभी भी किसी विश्वविद्यालय का डाटा गायब नहीं होगा। इसमें लागत भी बहुत कम होगी। फाइनेंस से जुड़ा पूरा काम ऑनलाइन होगा और उसमें सुरक्षित ई बैकिंग भी होगी। सभी विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों का डाटा एक जगह होने से उन्हें ढूंढ़ना व सत्यापन करना आसान होगा। एक विश्वविद्यालय में दाखिला लेने वाला छात्र गलत ढंग से दूसरे विश्वविद्याल में प्रवेश नहीं ले पाएगा। विश्वविद्यालय अपनी जरूरत के अनुसार सर्विस ले सकती हैं, कोई जरूरी नहीं कि वह सारी सर्विसेज ही लें। बैठक में डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित, दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर के कुलपति प्रो. वीके सिंह, रुहेलखंड यूनिवर्सिटी बरेली के कुलपति प्रो.अनिल शुक्ला, छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति प्रो. जेवी वैशम्पायन सहित अन्य विश्वविद्यालयों के कुलपति व अधिकारी मौजूद रहे।1लर्निग मैनेजमेंट सिस्टम से आसान होगा काम : इस साफ्टवेयर में लर्निग मैनेजमेंट सिस्टम (एलएमएस) के माध्यम से सभी विश्वविद्यालयों की फैकल्टी व स्टूडेंट आपस में जुड़ेंगे। थीसिस, ई-बुक्स सब कुछ इस प्लेटफार्म पर मौजूद रहेंगी।1
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