इलाहाबाद : माध्यमिक स्तर पर गुणवत्तायुक्त शिक्षा की पहुंच बढ़ाने और उसमें सुधार करने की योजना के तहत शुरू हुए राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान की धरातल पर हालत खस्ता है। के परिणाम ने इस योजना की कलई खोल दी है। हाईस्कूल व इंटर में जिन विद्यालयों का परिणाम शून्य हैं उनमें अधिकांश विद्यालय इसी अभियान के तहत उच्चीकृत हुए हैं। यही नहीं इन विद्यालयों में पठन-पाठन को छोड़िये छात्र-छात्रओं का ठीक से नामांकन तक नहीं हो सका है।
माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड 2017 का परीक्षा में 182 विद्यालयों का परिणाम शून्य हैं, वहां हाईस्कूल या फिर इंटरमीडिएट में एक भी छात्र-छात्र उत्तीर्ण नहीं हो सका है। इस सूची के अधिकांश विद्यालय राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत संचालित हैं। विद्यालय में राजकीय कालेज के शिक्षकों को संबद्ध करके पढ़ाई कराने की योजना बनी, लेकिन शिक्षकों ने सिर्फ खानापूरी की इसीलिए अधिकांश विद्यालयों में छात्र-छात्रओं का पंजीकरण दहाई तक नहीं पहुंचा। शून्य विद्यालयों की सूची में 66 स्कूल ही ऐसे हैं जहां दो अंकों में छात्र-छात्रएं पंजीकृत हैं, बाकी में संख्या इकाई में ही है।
⚫ नाम के लिए भी पंजीकरण
हाईस्कूल व इंटर का रिजल्ट जिन विद्यालयों का शून्य है उनमें कई ऐसे अशासकीय विद्यालय भी हैं जिन्होंने केवल विद्यालय की मान्यता बनाये रखने के लिए चंद छात्र-छात्रओं का पंजीकरण करा दिया। रायबरेली के एमएस गल्र्स बालिका हायर सेकेंडरी स्कूल और वीणापाणि इंटर कालेज मलिकमऊ आइमा एक ही प्रबंधतंत्र के विद्यालय हैं और दोनों स्कूल अगल-बगल हैं। इसीलिए एमएस गल्र्स विद्यालय से एक छात्र का इस बार पंजीकरण हुआ, बाकी दूसरे स्कूल से पंजीकृत थे, छात्र के अनुत्तीर्ण होने पर पूरा विद्यालय अनुत्तीर्ण की सूची में शामिल हो गया। ऐसे ही कुछ नई मान्यता पाने वाले विद्यालय भी रहे, जिनके चंद परीक्षार्थी उत्तीर्ण नहीं हो सके।
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