मोहनलालगंज ब्लॉक के स्कूल में तैनात महिला कर्मी का मामला, खंड शिक्षाधिकारी से लेखाधिकारी तक बरती गई लापरवाही।
’लखनऊ1शिक्षा विभाग के कारनामें भी अजब-गजब के हैं। नियमित नौकरी कर रहे शिक्षक व कर्मचारियों को महीनों वेतन से वंचित रखा जाता है तो वहीं विभाग द्वारा सेवानिवृत्त कर्मी को वेतन दिया जाता रहा। मामला उजागर होने के बाद से विभागीय अधिकारियों की नींद उड़ी है। 1मामला मोहनलालगंज के उच्च प्राथमिक विद्यालय पुरसैनी का है। यहां तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शांति उर्फ रामजानकी का रिटायरमेंट 31 दिसंबर 2016 को नियत था। मगर जिम्मेदारों ने शांति उर्फ रामजानकीदेवी के रिटायरमेंट संबंधी प्रक्रिया को आगे बढ़ाना मुनासिब नहीं समझा, जिसके चलते जनवरी 2017 से लगातार शांति के वेतन का भुगतान दिया जाता रहा। इतने कर्मचारियों के नाक के नीचे से यह मामला गुजरता रहा। उसके बावजूद कोई पकड़ न सका।1यह बात सच है कि महिला कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद भी वेतन दिया जाता रहा। मामला गंभीर है, एबीएसए और संबंधित बाबू से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।1प्रवीण मणि त्रिपाठी, बीएसएहां, अब गलती तो हो ही गई। मगर शांतिदेवी को अपने रिटायरमेंट की जानकारी स्वयं देनी थी।1- रामनारायण यादव, खंड शिक्षाधिकारी मोहनलालगंज1रिकवरी के तमाम विकल्प हैं, उसके जरिए दिए गए वेतन को एडजेस्टमेंट हो जाएगा।1-जाह्न्वी मोहन, वित्त एवं लेखाधिकारी 1हर स्तर पर बरती गई लापरवाही1इसे शिक्षा विभाग की लापरवाही ही कहेंगे कि विभाग को अपने ही कर्मचारी के रिटायरमेंट की सुध नही रही। पहली कड़ी के तौर पर खंड शिक्षाधिकारी रामनरायण यादव द्वारा कर्मचारी के सेवानिवृत्त संबंधी दस्तावेज बीएसए कार्यालय नहीं भेजे गए। दूसरी कड़ी में बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण मणि त्रिपाठी द्वारा भी भुगतान संबंधी दस्तावेज पर गंभीरता नहीं दिखाई गई। तीसरी कड़ी में लेखाधिकारी जाह्न्वी मोहन द्वारा रिटायरमेंट के बाद भी कर्मचारी के वेतन का भुगतान किया जाता रहा।1
’लखनऊ1शिक्षा विभाग के कारनामें भी अजब-गजब के हैं। नियमित नौकरी कर रहे शिक्षक व कर्मचारियों को महीनों वेतन से वंचित रखा जाता है तो वहीं विभाग द्वारा सेवानिवृत्त कर्मी को वेतन दिया जाता रहा। मामला उजागर होने के बाद से विभागीय अधिकारियों की नींद उड़ी है। 1मामला मोहनलालगंज के उच्च प्राथमिक विद्यालय पुरसैनी का है। यहां तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शांति उर्फ रामजानकी का रिटायरमेंट 31 दिसंबर 2016 को नियत था। मगर जिम्मेदारों ने शांति उर्फ रामजानकीदेवी के रिटायरमेंट संबंधी प्रक्रिया को आगे बढ़ाना मुनासिब नहीं समझा, जिसके चलते जनवरी 2017 से लगातार शांति के वेतन का भुगतान दिया जाता रहा। इतने कर्मचारियों के नाक के नीचे से यह मामला गुजरता रहा। उसके बावजूद कोई पकड़ न सका।1यह बात सच है कि महिला कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद भी वेतन दिया जाता रहा। मामला गंभीर है, एबीएसए और संबंधित बाबू से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।1प्रवीण मणि त्रिपाठी, बीएसएहां, अब गलती तो हो ही गई। मगर शांतिदेवी को अपने रिटायरमेंट की जानकारी स्वयं देनी थी।1- रामनारायण यादव, खंड शिक्षाधिकारी मोहनलालगंज1रिकवरी के तमाम विकल्प हैं, उसके जरिए दिए गए वेतन को एडजेस्टमेंट हो जाएगा।1-जाह्न्वी मोहन, वित्त एवं लेखाधिकारी 1हर स्तर पर बरती गई लापरवाही1इसे शिक्षा विभाग की लापरवाही ही कहेंगे कि विभाग को अपने ही कर्मचारी के रिटायरमेंट की सुध नही रही। पहली कड़ी के तौर पर खंड शिक्षाधिकारी रामनरायण यादव द्वारा कर्मचारी के सेवानिवृत्त संबंधी दस्तावेज बीएसए कार्यालय नहीं भेजे गए। दूसरी कड़ी में बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण मणि त्रिपाठी द्वारा भी भुगतान संबंधी दस्तावेज पर गंभीरता नहीं दिखाई गई। तीसरी कड़ी में लेखाधिकारी जाह्न्वी मोहन द्वारा रिटायरमेंट के बाद भी कर्मचारी के वेतन का भुगतान किया जाता रहा।1
सेवानिवृत्त के बाद भी दिया जाता रहा वेतन
लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग में सेवानिवृत्त होने के बाद भी एक महिला कर्मचारी को लगातार कई महीने तक वेतन दिए जाने का गंभीर मामला सामने आया है। मोहनलालगंज के उच्च प्राथमिक विद्यालय पुरसैनी में तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शांति उर्फ रामजानकी 31 दिसंबर 2016 को सेवानिवृत्त होनी थीं। लेकिन विभाग के जिम्मेदारों ने शांति उर्फ रामजानकी देवी की सेवानिवृत्त को ध्यान में नहीं रखा और उन्हें जनवरी 2017 से लगातार वेतन का भुगतान दिया जाता रहा। मामले का खुलासा होने के बाद जिम्मेदार अपने आपको बचाने में जुट गए। इस मामले में बड़ी लापरवाही खंड शिक्षाधिकारी रामनरायण यादव से लेकर बीएसए कार्यालय की भी रही है।
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