शिक्षकों की नियुक्तियों में बड़े पैमाने पर घूस खोरी के बाद अब शिक्षकों को दिए जाने वाले राष्ट्रीय एवं राज्य अध्यापक पुरस्कार वितरण पर भी गंभीर आरोप लगे हैं। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (शर्मा गुट) का आरोप है कि राष्ट्रपति। राज्य अध्यापक पुरस्कार चयन के लिए बाकायदा लाखों रुपए की घूस दी जा रही है। पिछले वर्ष भी ऐसे लोगों को पुरस्कार दिए गए जो इसके लिए कहीं से भी अर्ह नहीं थे। उन्होंने मामले की जांच करने और पुरस्कार के चयन में साक्षात्कार की प्रक्रिया समाप्प्त करने की मांग की है। साफ कहा है कि यदि व्यवस्था समाप्त नहीं की गई तो संघर्ष होगा। सोमवार को प्रेस वार्ता में संगठन के प्रदेश मंत्री डॉ. आरपी मिश्र ने पुरस्कार में साक्षात्कार की व्यवस्था को समाप्त किए जाने की मांग उठाई। संगठन ने प्रदेश मंत्री डॉ. मिश्र एवं जिलाध्यक्ष एसकेएस राठौर ने बताया कि वर्ष 2012-13 के पहले प्रदेश में पुरस्कार के चयन में साक्षात्कार की व्यवस्था नहीं थी। लेकिन पिछली सपा सरकार के कार्यकाल में खेल हुआ। चूंकि इस पुरस्कार को पाने वाले शिक्षकों को लाभ मिलता है इसलिए यह खेल हो रहा है। इसमें लाखों रुपए की घूसखोरी भी चल रही है। आरोप लगाया है कि पिछले वर्ष अपने लोगों को पुरस्कार दिलाने के लिए साक्षात्कार के अंकों को बढ़ा दिया गया। उन्होंने सरकार से साक्षात्कार की व्यवस्था को समाप्त किए जाने की मांग उठाई है। दावा है कि देश के किसी भी राज्य में शिक्षक पुरस्कार के लिए इस तरह का साक्षात्कार नहीं होता।साक्षात्कार के अंकों में खेलशिक्षक नेता आरपी मिश्र ने कहा कि गत वर्ष पहले पुरस्कार चयन के लिए 100 अंक, जिसमें 80 अंक बुकलेट मूल्यांकन तथा 20 अंक साक्षात्कार के लिए निर्धारित थे, बुकलेट का मूल्यांकन भी 80 अंको के आधार पर हुआ था लेकिन लाखों रुपए की डीलिंग वाले प्रकरणों में मूल्यांकन में इतने कम अंक थे कि साक्षात्कार के 20 में 20 अंक दिए जाने पर भी उनका चयन नहीं हो सकता था, इसलिये भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे राज्य चयन समिति के अध्यक्ष एवं शिक्षा निदेशक माध्यमिक ने स्वयं साक्षात्कार के अंक 20 से बढ़ा कर 50 कर दिए गए।
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