DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Thursday, July 27, 2017

चंदौली : सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में 12 सौ शिक्षामित्रों का समायोजन होगा रदद्, अधिकारियों ने साधी चुप्पी

जागरण संवाददाता, चंदौली : शिक्षा मित्रों का सहायक अध्यापक पद से समायोजन रद होने का न्यायालय का आदेश आते ही वे सकते में आ गए हैं। न्यायालय के आदेश का अनुपालन होने पर जिले से 12 सौ शिक्षा मित्रों का समायोजन रद होगा। वहीं जिले में 206 शिक्षा मित्र ऐसे बचे रहे जिनका समायोजन सहायक अध्यापक पद पर नहीं हो सका था। इस आदेश पर अधिकारी भी चुप्पी साधे हुए हैं। कुरेदने पर भी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं।

पूर्व की प्रदेश सरकार ने जून 2015 में बेसिक शिक्षा में सुधार के लिए बड़ा कदम बताते हुए शिक्षा मित्रों को सहायक पद पर तैनात करने का निर्देश जारी किया था। इसके तहत शिक्षा मित्रों को बाकायदा डायट में बैच के हिसाब से ट्रेनिंग दी गई और जून 2015 में पहले 600 शिक्षा मित्रों को विभिन्न विद्यालयों में सहायक अध्यापक पद पर समायोजित किया गया। वहीं 2016 में भी 600 शिक्षा मित्र समायोजित किए गए। इस बीच शिक्षा मित्रों के खिलाफ उच्च न्यायालय का आदेश आ गया पर सर्वोच्च न्यायालय में मामला विचाराधीन होने के कारण शिक्षा मित्र लगातार कार्य करते रहे। वहीं 25 जुलाई के फैसले ने शिक्षा मित्रों की आशाओं पर पानी फेर दिया। फैसला आते ही काफी शिक्षा मित्र बीमार हो गए हालांकि संगठन की हुंकार से उनमें जान में जान आई है। इस निर्देश पर शिक्षा मित्रों ने प्रदेश सरकार पर भी दवाब बनाना शुरू कर दिया है। शिक्षा मित्रों का कहना है कि सरकार उनके साथ न्याय करे अन्यथा वे स्कूल ही नहीं जाएंगे।

200 का नहीं हुआ समायोजन
जिले के 1400 शिक्षा मित्रों में से 1200 शिक्षा मित्रों का समायोजन हो चुका है। वहीं 200 शिक्षा मित्रों का समायोजन तकनीकी कमियों के कारण नहीं हो सका था। ऐसे में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले ने उनकी भी आशाओं पर पानी फेर दिया है। उनकी भी शिक्षक बनने की आस खत्म हो गई है

No comments:
Write comments