यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट में हर विषय के एक प्रश्नपत्र की परीक्षा 2019 से लागू करने की तैयारी है। बोर्ड मुख्यालय पर पाठ्यक्रम की 33 समितियां प्रश्नपत्रों के एकीकरण करने में जुटीं हैं, लेकिन बोर्ड प्रशासन हड़बड़ी में यह कदम नहीं उठाना चाहता। 2018 में एक प्रश्नपत्र लागू करने से बोर्ड परीक्षा की तैयारियां प्रभावित होने के आसार हैं, क्योंकि प्रश्नपत्र बनाने का कार्य शुरू हो चुका है। साथ ही नए शैक्षिक सत्र की पढ़ाई भी विद्यालयों में चल रही है। बोर्ड ने इस संबंध में सभापति को प्रस्ताव भेजा है, उस पर मुहर लगने के बाद अमल किया जाएगा।
माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड में अगले सत्र से हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के पाठ्यक्रम में बदलाव प्रस्तावित है। प्रदेश सरकार इस बदलाव के पहले परीक्षार्थियों को सीबीएसई के पैटर्न पर आगे बढ़ाना चाहती है, ताकि परीक्षा देने में उन्हें कोई दिक्कत न हो। ज्ञात हो कि सीबीएसई में एनसीईआरटी यानी राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद का पाठ्यक्रम लागू है और वहां हाईस्कूल व इंटर में हर विषय के एक-एक प्रश्नपत्र की परीक्षा होती है। यूपी बोर्ड हाईस्कूल में हर विषय में एक प्रश्नपत्र का इम्तिहान हो रहा है, लेकिन इंटर में दो-दो प्रश्नपत्र हो रहे हैं। इसे घटाकर एक-एक प्रश्नपत्र किया जाना है। शासन का निर्देश है कि भले ही नया पाठ्यक्रम अगले सत्र से लागू हो, लेकिन मौजूदा पाठ्यक्रम के अनुसार इंटर में परीक्षा एक-एक प्रश्नपत्र से ली जाये। इसी के लिए पाठ्यक्रम समिति के 33 विषय विशेषज्ञों की बैठक चल रही है। मुख्यालय पर बीते सोमवार से शुरू हुए प्रश्नपत्र एकीकरण का कार्य 14 जुलाई तक चलना है। पहले यह तैयारी थी कि इंटर में एक प्रश्नपत्र 2018 की परीक्षा से ही लागू कर दिया जाएगा, लेकिन सारी प्रक्रिया चंद दिनों में पूरी होने के बजाय उसमें लंबा समय लगेगा, क्योंकि पाठ्यक्रम समिति के कार्य पर पाठ्यचर्या समिति मुहर लगाएगा, उसके बाद यूपी बोर्ड इस बदलाव को बैठक में पारित करके शासन को भेजेगा और शासन की मुहर लगने के बाद ही यह लागू होगा। इस समय यूपी बोर्ड की 2018 की परीक्षा तैयारियां शुरू हो चुकी हैं, विषय विशेषज्ञ प्रश्नपत्र आदि बना रहे हैं, ऐसे में एकीकरण का इंतजार करने में बाकी कार्य विलंबित होने के आसार हैं। वहीं, शैक्षिक सत्र शुरू होने के बाद पुराने पाठ्यक्रम के अनुरूप पढ़ाई भी हो रही है। इसलिए यूपी बोर्ड ने सभापति को प्रस्ताव भेजा है कि इंटर में प्रश्नपत्र एकीकरण का कार्य जल्द पूरा करा लिया जाएगा, लेकिन उसे 2019 की परीक्षा से लागू किया जाए। बोर्ड सचिव नीना श्रीवास्तव ने बताया कि सभापति का इस संबंध में जो भी निर्देश होगा, उस पर अमल किया जाएगा।
एकीकरण में बदल सकता पाठ्यक्रम इंटर के प्रश्नपत्र एकीकरण के कार्य में विषयों का पाठ्यक्रम भी प्रभावित हो सकता है, क्योंकि अब सभी विषयों में वही पाठ होंगे, जो बेहद उपयोगी होंगे, कम जरूरी पाठ्यक्रम को हटाया भी जा सकता है। साथ ही मौजूदा परिवेश में जो उपयोगी होगा उसे जोड़ा भी सकता है। इसके अलावा बोर्ड परीक्षा परिणाम तैयार करने में सहूलियत रहेगी व उत्तरपुस्तिकाओं और प्रश्नपत्र आदि में स्टेशनरी की भी बचत होगी।
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